जल शक्ति अभियान से जन-जन को जोड़ें : अरोड़ा
रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आंनद अरोड़ा ने कहा कि सभी जिलों द्वारा जल शक्ति अभियान की तैयारियां पूर्ण करके इन पर कार्य शुरू किया जाए, ताकि जल का संचय किया जा सके। उन्होंने कहा कि सूखे तालाबों को जल से भरने के अतिरिक्त ऑवरफ्लो तालाबों की जल संचय क्षमता भी बढाई जाए, जिससे यह तालाब हमेशा पानी से भरे रहें और भूमिगत जल स्तर में सुधार लाया जा सके। जल शक्ति अभियान में अभियांत्रिकी विभागों की भी सेवाएं ली जाएं। मुख्य सचिव केशनी आंनद अरोड़ा विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी उपायुक्तों के साथ जिला स्तर पर जल शक्ति अभियान की तैयारियों की समीक्षा कर रही थी। इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव तथा केंद्रीय पोत परिवहन मंत्रालय के अधिकारियों ने भी जल शक्ति अभियान के बारे में जानकारी दी। मुख्य सचिव केशनी आंनद अरोड़ा ने जल शक्ति अभियान के तहत जिलों में किए गए कार्यो और प्रगति रिपोर्ट के बारे में जानकारी ली तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आदेशानुसार जल शक्ति अभियान के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी अधिकारी गंभीरता से कार्य करें। उन्होंने कहा कि इस अभियान के कियांवयन की समीक्षा के लिए केन्द्र सरकार द्वारा केंद्रीय जल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इन अधिकारियों के जिला स्तर पर जल शक्ति अभियान के कियांवयन के दौरान हर संभव सहयोग करें। इस अभियान की निगरानी स्वयं प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा की जा रही है। प्रत्येक जिला में इस अभियान की सफलता हेतू कार्य योजना शीघ्र तैयार की जाए ताकि मानसून सीजन के दौरान इस कार्य योजना का कियांवयन करके इसे अमलीजामा पहनाया जा सके और व्यर्थ पानी का सदुपयोग करते हुए बारिश के पानी का संग्रह किया जा सके। जल शक्ति अभियान के दौरान 5 बिंदूओं पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जाएगा, जिनमें पानी का सरंक्षण और बरसात के पानी का संचय, परम्परागत जल संसाधनों व तालाबों का जीर्णोद्घार, पानी रिर्चाज के लिए बोरवेल का दोबारा उपयोग करना, वाटर शैड को विकसित करना और सघन पौधा रोपण शामिल है। उपायुक्त डॉ. अंशज सिंह ने कहा कि जिला में जल शक्ति अभियान के तहत कार्य योजना तैयार करके कार्य शुरु कर दिया गया है तथा जिला में अभियान के लक्ष्य की प्राप्ति हेतू सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। जिला प्रशासन द्वारा इस अभियान की सफलता के लिए संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है तथा पंचायती राज संस्थाओं के जन प्रतिनिधियों को भी अभियान से जोड़ा जा रहा है।