भू-जल संरक्षण के जल शक्ति अभियान बनेगा मील का पत्थर : मिश्रा
रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार समिति भारत सरकार की संयुकत सचिव श्रीमती सुमिता मिश्रा ने कहा कि जल व पर्यावरण संरक्षण आज समय की जरूरत है और हम सभी को मिलकर इसके संरक्षण के लिए कार्य करने होंगे। इसी को ध्यान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरे देश में जल शक्ति अभियान चलाया गया है। अभियान के तहत हरियाणा के 22 में से 19 जिलों को शामिल किया गया है। इसमें सोनीपत जिला के चार ब्लॉक सोनीपत, राई, मुरथल और गन्नौर को शामिल किया गया है। श्रीमती मिश्रा सोमवार को लघु सचिवालय में अभियान की कार्ययोजना की समीक्षा कर रही थी। मीटिंग में डीसी डा. अंशज सिंह ने योजना को लेकर जिला की कार्ययोजना के विषय में विस्तार से जानकारी दी। मीटिंग में उपस्थित जिला के सभी अधिकारियों को संबोधित करते हुए श्रीमती मिश्रा ने कहा कि जल शक्ति अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 27 जून को शुरू किया गया था। इस योजना के देशभर में बेहतर क्रियान्वयन के लिए पांच हजार से अधिक अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। उनहेंने कहा कि योजना का उद्देश्य देश के उन जिलों में जल संरक्षण के लिए कार्य करना है जहां पर भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। इस योजना में सोनीपत के चार बलाक सोनीपत, राई, मुरथल व गन्नौर खंड को शामिल किया गया है। योजना को दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहला चरण एक जुलाई 2019 से 15 सितंबर 2019 तक चलेगा और दूसरा चरण एक अक्टूबर से 13 नवंबर तक चलेगा। उन्होंने कहा कि पूरे भारत वर्ष में मात्र एक प्रतिशत बरसाती पानी का ही संचय हो पाता है। उन्होंने जिला के आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि बरसात का पानी अनमोल है। इसलिए सभी लोगों को चाहिए कि बरसात के पानी के संचय के लिए आगे आएं। उपायुक्त डॉं. अंशज सिंह ने भी जिला के लोगों से इस अभियान से जुडऩे का आह्वान किया। श्रीमती मिश्रा ने अधिकारियों से कहा कि यह वास्तव में एक जन अभियान है और इसमें भूजल से जुड़े सभी संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों, निर्वाचित संगठनों को शामिल कर चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना को लागू करने के लिए मुख्य तौर पर पांच क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है। इनमें रेन हार्वेस्टिंग के जरिए बरसाती पानी का संरक्षण करना, परंपरागत जल स्रोतों को नवीनीकरण, बोरवेल से रिचार्ज के लिए ढांचा स्थापित करना, वाटरशेड डेवलेपमेंट और तेजी से पौधारोपण करना शामिल हैं। मीटिंग में उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि अभियान के तहत 13 जुलाई को पूरे जिला में तरू यात्रा निकाली जाएंगी। इस तरू यात्रा का उद्देश्य सभी को पौधरोपण के लिए जागरूक करना है। इस तरू यात्रा में उन्होंने प्रत्येक वर्ग को साथ जोडऩे का आह्वान किया। वहीं अभियान को लेकर विभिन्न सिनेमा घरों, टीवी के माध्यम से जागरूकता फिल्में भी दिखाई जाएंगी। मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से भी जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें इस अभियान को सिर्फ बंद कमरे में आंकड़ों के प्रदर्शन का अभियान नहीं बनाना बल्कि वास्तिवक रूप में जमीनी स्तर पर काम करना है ताकि आम लोगों को फायदा मिल सके। प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार समिति भारत सरकार की संयुकत सचिव श्रीमती सुमिता मिश्रा ने कहा कि जिला में पौधरोपण अभियान को तेज किया जाएगा। श्रीमती मिश्रा ने बैठक में निर्देश दिए हैं कि जिला के सभी स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अवश्य लगाएं और साथ ही सिस्टम की कार्य प्रणाली की विस्तृत जानकारी भी विद्यार्थियों को अवश्य दें, ताकि वे अन्य लोगों को भी इस बारे प्रेरित कर सकें। डीसी डा. अंशज ने बताया कि इस बार जिला में पौधगिरी अभियान के तहत छह से 12 वर्ष के बच्चों द्वारा एक लाख 44 हजार पौधे लगवाए जाएंगे और छह से 12 वर्ष तक के बच्चों के माध्यम से 40 हजार पौधे लगवाए जाएंगे। पिछले वर्ष भी डेढ़ लाख से अधिक पौधे पौधगिरी अभियान के तहत लगवाए गए थे। डीसी डा. अंशज सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष लगाए गए पौधों में से कितने सुरक्षित हैं इसके लिए सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वह जिला शिक्षा अधिकारी को रिपोर्ट भेजें। बैठक के पश्चात श्रीमती मिश्रा ने बड़ी औद्योगिक क्षेत्र में पौधा रोपण किया और रेल कोच फैक्ट्री के कार्य का भी निरीक्षण किया।