- निगम कर्मचारियों व अधिकारियों पर लगा मिलीभगत का आरोप
- शिकायत के आधार पर सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज
सोनीपत। सोनीपत में नगर निगम एक बार फिर चर्चा में है। नगर निगम पर मिलीभगत से सरकारी खजाने को लूटने और भ्रष्टाचार का आरोप लगा है, जहां सोनीपत में पूजा कॉन्सुलेशन के प्रोपराइटर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आरोप यह है कि पूजा कॉन्सुलेशन कंपनी द्वारा नगर निगम के कर्मचारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से नगर निगम के खाते से 22 लाख रुपए धोखाधड़ी से लिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक के कंपनी के प्रोपराइटर राजकुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। वही पूरे मामले को लेकर पुलिस सभी रिकॉर्ड अपने कब्जे में लेकर जांच को आगे बढ़ाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
सोनीपत नगर निगम में एक बार फिर भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। भ्रष्टाचार के आरोप अधिकारियों ओर कर्मचारियों पर लगे हैं। आरोप यह है कि सोनीपत में नगर निगम के अंतर्गत सफाई का कार्य पूजा कॉन्सुलेशन कंपनी द्वारा किया जा रहा है। जहां आरोप यह है कि कंपनी द्वारा कर्मचारी और ठेकेदार की मिलीभगत से नगर निगम के खाते से 22 लाख रूपए धोखाधड़ी से लिए गए हैं।
सफाई के ठेके में कम कर्मचारियों को लगाकर ज्यादा दिखाने का भी आरोप लगाया गया है। वहीं दूसरी तरफ 2 प्रतिशत को कटिंग करके 15 प्रतिशत करने का भी आरोप कंपनी पर लगाया गया है। जानकारी के मुताबिक पवन कुमार ने नगर निगम में हो रहे घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री को लिखित रूप में एक शिकायत दी थी। सीएम ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए उसे जांच के लिए भेज दिया। एडीजीपी क्राइम के तहत जिला एसपी को भेजी गई थी और इसी के तहत सिविल लाइन थाना में पूजा कॉन्सुलेशन के प्रोपराइटर राजकुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। डीएसपी हंसराज के मुताबिक के ग्रामीणों और सेक्टर एरिया में सफाई करने के लिए अलग-अलग कर्मचारी लगाए जाने थे, लेकिन ठेकेदार और नगर निगम की मिलीभगत से कंपनी पर कम कर्मचारी को लगाकर ज्यादा दिखाने का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि जहां सेक्टर के कर्मचारी अलग होने चाहिए और ग्रामीण स्तर पर नगर निगम के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में अलग कर्मचारी होने चाहिए। ऐसे में एक ही जगह के कर्मचारियों को अलग-अलग जगह दिखा कर गलत तरीके से बिल पास करवाए गए हैं। वहीं डीएसपी हंसराज ने बताया कि नगर निगम के कर्मचारियों के मार्फत ही गलत तरीके से बिल पास किए गए हैं। नगर निगम के कर्मचारी और संबंधित अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने कहा कि पूरे मामले को लेकर बारीकी से जांच की जाएगी। जांच में तथ्यों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। कंपनी के अन्य क्षेत्रों में किए गए कार्य है और ठेकों से संबंधित कार्यों को लेकर भी जांच अमल में लाई जाएगी। वही पूरे मामले को लेकर नगर निगम कमिश्नर धर्मेन्द्र सिंह ने संज्ञान में पूरा मामला ना होने को लेकर अपना पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा कि उनके पास अभी तक कोई लिखित में लेटर नहीं आया है।