- -अपने घरों में दे विशेषरूप से सफाई पर ध्यान
- -सर्दी से बचने के तरीके व एहतियात बरतना है बेहद जरूरी
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। उपायुक्त ललित सिवाच ने डेंगू व मलेरिया की कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते हुए कहा कि डेंगू मलेरिया से बचने के लिए हम सब के भी कुछ मुख्य कर्तव्य होते हैं। जिन कर्तव्य को निभा कर हम डेंगू व मलेरिया जैसी भयानक बीमारियों से बच सकते हैं और अपने परिवार को भी सुरक्षित रख सकते हैं। उन्होंने सभी जिलावासियों से अपील करते हुए कहा कि आओ मिलकर किसी एक दिन को सूखा दिवस मनाए व अपने घर से डेंगू भगाएं।
उपायुक्त सिवाच ने कहा कि सूखा दिवस से अभिप्राय बस दस मिनट निकाल कर अपने घर के कूलर, फूलदान, गमले, छत पर पड़ा टूटा फूटा सामान, पानी की टंकी आदि को चेक करें कि कहीं इनके रूके हुए पानी में डेंगू, चिकुनगुनिया व मलेरिया फैलाने वाले मच्छर हमारे घर के अंदर ही तो पैदा नहीं हो रहें। ऐसे में सब चीजों में चैंक करें कि वहां पर पानी तो नहीं मौजूद है। अगर है तो उसे खाली कर उस वस्तु को धूप में सुखाएं। क्योंकि डेंगू रोकने का सबसे सस्ता, सरल व कारगर यही एक उपाय है। अगर हम इन सब बातों का ध्यान रखें तो डेंगू जैसी बीमारी पर विजय पा सकते हैं।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि आजकल ठंड का मौसम है एवं सर्द हवाएं जोरों पर हैं। इसलिए हमें कोविड (ओमिक्रोन) के साथ-2 सर्द मौसम से होने वाली बिमारियों से भी एहतियात बरतनी होगी। उन्होंने कहा कि सर्द मौसम में खासकर बुजुर्ग लोग एवं शिशुओं का ध्यान रखना जरूरी है। क्योंकि अगर एहतियात ना बरती जाए तो सर्द हवाएं सभी के लिए बहुत घातक हो सकती है। इस मौसम में खासकर बीपी के मरीज को ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है क्योंकि ये मौसम बीपी के मरीज को ज्यादा क्षति पहुंचा सकता है। सर्द हवाएं नवजात शिशु, बुजुर्ग व जो लोग ज्यादा लम्बे समय के लिए घर से बाहर एवं जो लोग शराब का सेवन करते हैं उनके लिए बहुत घातक सिद्ध हो सकती है।
उपायुक्त ने कहा कि अगी किसी व्यक्ति के अंदर ये लक्षण दिखें जैसे कि व्यक्ति का शरीर कांपने लगता है, व्यक्ति को बहुत थकान महसूस होती है, हाथ-पैर अकड जाते हैं, उँगलियों में सूजन आ जाती है, दिमाग की सोचन शक्ति कम हो जाती है, इसमें व्यक्ति के हाथ-पैर सुन्न हो जाते हैं, तो उन लोगों को सर्दी से बचने की बहुत ज्यादा जरूरत है। अगर किसी छोटे बच्चे को अगर सर्दी हो जाए, तो उसके लक्षण इस प्रकार हैं जैसे आंखे और शरीर लाल हो जाते हैं, बच्चे की एनर्जी कम हो जाती है , बच्चे को उलटी व बच्चे को दस्त लग जाते है। अगर किसी को ये लक्षण नजर आएं तो तुरंत अपने आस-पास के डॉक्टर से सलाह लें। उन्होंने कहा कि सर्दी हो जाने पर इसके कई उपाय हैं जो मरीज व्यक्ति को बिलकुल ठीक कर सकते हैं।
अगर आपको लगे की सर्दी हो गयी है तो अपनी दिनचर्या में थोडा बदलाव लाएं। सुबह-सायं योग करें, ध्यान करें, आधा घंटे की व्यायाम शुरू करें, हो सके तो ज्यादा गर्म जगह पर रहें, गिले कपड़े बिल्कुल भी ना पहनें, हमेशा गर्म पेय का सेवन करें, सर पर टोपा या मफलर और स्वेटर जरुर पहनें, पोष्टिक आहार का सेवन करें, हाई प्रोटीन वाला खाना खाएँ, सर्दी के मौसम में गर्म पानी-पीना जरूरी है, सुबह के समय कुछ देर धूप में जरुर बैठें। उपायुक्त ने सभी जिलावासियों से अपील की कि सर्दी के मौसम में उक्त बताए तरीके अपनाएं और अपना, अपने बच्चों का व अपने घर के बुजुर्गों का खासकर ध्यान रखें।