- -18 वर्ष की आयु तक स्टाइपेंड मिलेगा, 23 वर्ष पूर्ण होने पर मिलेगा 10 लाख रुपये का फंड
- – कोविड-19 से प्रभावित बच्चों की देखभाल व सुरक्षा प्रदान करने के लिए विशेष पहल
- -18 वर्ष तक के बच्चों को आयुष्मान भारत के तहत मिलेगा 5 लाख रुपये का नि:शुल्क बीमा
श्याम वशिष्ठ, सोनीपत। कोविड-19 कोरोना महामारी के कारण माता-पिता को खोने वाले बच्चों को पीएम केयर्स से पूर्ण सहायता प्रदान की जाएगी। उपायुक्त ललित सिवाच ने कहा कि पीएम केयर्स द्वारा उन बच्चों की मदद की जाएगी, जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता या कानूनी अभिभावकों अथवा दत्तक माता-पिता को खो दिया है। ऐसे बच्चों की जानकारी जिन्हें भी हो वे इस योजना का लाभ उन बच्चों को दिलवाने में प्रशासन की मदद करें। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग अथवा लघु सचिवालय में स्थापित जिला बाल संरक्षण कार्यालय (डीसीपीओ) में आवेदन किया जा सकता है।
उपायुक्त ने बताया कि योजना के अंतर्गत ऐसे बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक मासिक स्टाइपेंड मिलेगा और 23 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर दस लाख रुपये का फंड मिलेगा। साथ ही 18 वर्ष की आयु तक के बच्चों को आयुष्मान भारत के अंतर्गत पांच लाख रुपये को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा। इसके प्रीमियम का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) संकट की स्थिति में बच्चों को सुरक्षा कवचर प्रदान करता है। उपायुक्त ने कहा कि कोविड-19 में माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए यह बेहतरीन पहल है।
नि:संदेह योजना का विशेष लाभ बच्चों को मिलेगा, जिससे उनके सुदृढ़ भविष्य के निर्माण की नींव रखने में मदद मिलेगी। उन्होंने आम जनमानस का आह्वान किया कि वे इस योजना की अधिकाधिक जानकारी साझा करें ताकि जरूरतमंदों तक सूचना पहुंच सके। जिला प्रशासन व सरकार भी इसका ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार कर रही है। उपायुक्त ने जानकारी दी कि कोविड-19 के कारण माता-पिता को खोने वाले बच्चों की पहचान की जा रही है। इसके लिए पुलिस, जिला बाल संरक्षण इकाई तथा चाईल्डलाईन और सामाजिक संगठनों की भी मदद ली जा रही है। ग्राम पंचायतों, आंगनवाड़ी व आशा वर्करों के माध्यम से भी इस दिशा में प्रयास जारी हैं। उन्होंने चाईल्ड वैल्फेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) को भी इस दिशा में विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। सीडब्ल्यूसी को इन बच्चों के संदर्भ में पूर्ण ब्यौरा संबंधित पोर्टल पर दर्ज करवाना होगा।