-बीपीएस मेडिकल खानपुर में स्थापित किया गया कंट्रोल रूम
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने कहा कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की सुविधा के लिए 11 मई को टेली कंसल्टेशन सेवा शुरू की गई थी। जिसके लिए बीपीएस मेडिकल कॉलेज खानपुर में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। जिसमें बीपीएस मेडिकल कॉलेज के प्रशिक्षित डॉक्टर प्रतिदिन होम आईसोलेशन में रहने वाले मरीजों को कॉल करती है और उनके स्वास्थ्य संबंधित जानकारियां इक्_ïी करते हैं। उपायुक्त ने कहा कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जा रही है, अगर किसी मरीज को होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज को स्वास्थ्य संबंधी कोई भी जानकारी लेनी होती है तो डॉक्टर की टीम उसे सभी जानकारी उपलब्ध करवाते हैं। इसके अलावा किसी मरीज को अधिक दिक्कत होती है तो संबंधित सीएचसी या पीएचसी को इसके बारे में सूचना दी जाती है। सूचना मिलते ही संबंधित सीएचसी या पीएचसी की डॉक्टर की टीम उस मरीज के पास पहुंच जाती है और सामान्य चैकअप कर जरूरत पडऩे पर उसे अस्पताल में रेफर किया जाता है। उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने कहा कि 11 मई से अब तक 11 हजार से अधिक होम आइसोलेशन मरीजों से संपर्क किया जा चुका है, जिसमें से 97 मरीजों को जरूरत पडऩे पर अस्पतालों में रेफर किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि नोडल अधिकारी सहायक आयुक्त (यूटी) सलोनी शर्मा की देखरेख में 100 से अधिक प्रशिक्षित डॉक्टरों की टीम टेली कंसल्टेशन कंट्रोल में कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम से प्रतिदिन 2500 से 3000 होम आइसोलेशन मरीजों को कॉल की जाती है तथा डाटा को अपडेट करने के लिए मरीजों को पांच वर्गों में बांटकर सभी को कलर कोड दिया गया है। पहला कोड ब्लैक कलर है जिसमें ऐसे होम आइसोलेशन मरीजों को रखा जाता है जो कॉल नहीं उठाते या उनके फोन बंद मिलते हैं। दूसरा कोड रेड कलर है जिसमें उन होम आइसोलेशन मरीजों को रखा जाता है जिन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही है और उन्हें अस्पताल में दाखिल करवाने की जरूरत है। तीसरा कोड ओरेंज कलर है, जिसमें ऐसे मरीजों को रखा जाता है जिन्हें हल्का बुखार, शरीर में दर्द की शिकायत है। चौथा कोड ब्लयू कलर है जिसमें ऐसे मरीजों को रखा जाता है जिन्हें केवल खांसी, बुखार या जुखाम की शिकायत है तथा पाचवां कोड ग्रीन कलर है जिसमें ऐसे मरीजों को रखा जाता है जो ठीक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल द्वारा प्रतिदिन कंट्रोल रूम को होम आइसोलेशन का डाटा उपलब्ध करवाया जाता है। उपायुक्त पूनिया ने कहा कि इस कंट्रोल रूम को इस उद्देश्य से चलाया जा रहा है कि किसी भी होम आइसोलेशन मरीज के मन में कोरोना को लेकर किसी भी प्रकार की शंका न हो और वो किसी बात को लेकर घबराए नहीं। प्रशिक्षित डाक्टरों की टीम द्वारा सभी होम आइसोलेशन मरीजों के मनोबल को बढाने के लिए उसे जानकारियां उपलब्ध करवाई जाती है ताकि वो जल्द ठीक हो जाए।