ऑक्सीजन गैस सिलेंडर को निर्धारित दामों से अधिक रुपये में बेच रहा था, सोनीपत निवासी एक व्यक्ति ने स्वास्थ्य विभाग की दी थी शिकायत
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में कुछ लोग ऑक्सीजन सिलेंडरों को गलत तरीके से बेच कर मोटा मुनाफा कमाने में लगे हैं। ऑक्सीजन सिलेंडरों की इस तरह की कालाबाजारी का मामला गन्नौर के बड़ी औद्योगिक क्षेत्र से सामने आया है। जहां पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ऑक्सीजन गैस सिलेंडरों के एक हॉलसेल कारोबारी के मैनेजर को रिटेल में ऑक्सीजन सिलेंडरों को निर्धारित दामों से अधिक रूपये वसूलते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। पुलिस ने पकड़े गए मैनेजर के खिलाफ थाना बड़ी पुलिस ने आपदा प्रबंधन अधिनियम व आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई मामला दर्ज कर कार्रवाई की। बड़ी औद्योगिक क्षेत्र फेस 1 स्थित श्री गणेश एयर प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड ऑक्सीजन गैस सिलेंडरों के हॉलसेल सप्लायर है।
फैक्ट्री में ऑक्सीजन गैस सिलेंडरों को रिफिल किया जाता है। सोनीपत निवासी राहुल नाम के व्यक्ति ने स्वास्थ्य विभाग की शिकायत दी थी कि उसका चचेरा भाई बीमार है, जिसे ऑक्सीजन की जरूरत थी। राहुल बड़ी औद्योगिक क्षेत्र फेस 1 स्थित श्रीगणेश एयर प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड में पहुंचा और ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग की। फैक्ट्री के मैनेजर कशिश कुमार ने राहुल से सिलेंडर देने के लिए 30 हजार रूपयों की मांग की, जो निर्धारित कीमत से काफी अधिक थे। इस पर राहुल ने मामले की शिकायत की थी। शिकायत पर डीएसपी रविंद्र कुमार, सोनीपत सिविल अस्पताल के डिप्टी सीएमओ डा. आदर्श शर्मा, ड्यूटी मैजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे। टीम ने राहुल को सिलेंडर खरीदने के लिए फैक्ट्री में भेज दिया। इस पर तुरंत टीम मौके पर पहुंची और फैक्ट्री मैनेजर को रूपयों के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया। टीम ने फैक्ट्री मैनेजर को गिरफ्तार कर बड़ी औद्योगिक क्षेत्र पुलिस को सौंप दिया। डीएसपी रविंद्र कुमार ने बताया कि सिलेंडर रीफिलिंग का निर्धारित रेट 235 रूपये प्रति सिलेंडर है। ऑक्सीजन गैस सिलेंडर बाजार से 8 से 10 हजार रूपये में मिल जाता है। लेकिन फैक्ट्री में लोगों को यह सिलेंडर तीन गुणा अधिक दामों में बेचा जा रहा था। डीएसपी रविंद्र कुमार ने बताया कि फैक्ट्री मैनेजर के खिलाफ बड़ी औद्योगिक क्षेत्र पुलिस आपदा प्रबंधन अधिनियम व आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।