रणबीर सिंह, सोनीपत। पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा के मुख्य सलाहकार प्रमोद ईष्टकान ने जिला रोजगार कार्यालय में बैठक कर कर्मचारी तथा अधिकारियों को गोहाना में होने वाले एक नवंबर रविवार के कार्यक्रम पेंशन अधिकार दिवस के लिए आमंत्रित किया। बैठक में प्रमोद ईष्टकान ने बोलते हुए मांग कि के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को प्रदेश के कर्मचारियों की भावना का सम्मान करते हुए जल्द से जल्द पेंशन बहाली संघर्ष समिति से वार्ता कर पुरानी पेंशन नीति को बहाल करने का रास्ता निकालना चाहिए। पेंशन बहाली संघर्ष समिति पिछले 3 सालों से लगातार रैली धरने प्रदर्शन कर सांसदों और विधायकों को बार-बार ज्ञापन देकर लगातार पुरानी पेंशन नीति को बहाल करने की मांग कर रही है। संघर्ष समिति का कहना है कि 2006 से हरियाणा प्रदेश में लागू नई पेंशन स्कीम पूर्ण रूप से बाजार आधारित व्यवस्था है। जिसमें कर्मचारियों और सरकार के खजाने से लगातार पैसा बाजार में निवेश किया जा रहा है। जिसकी ना तो सरकार कोई गारंटी लेती है और ना ही एनएसडीएल, इसके साथ-साथ इस व्यवस्था में ना तो निश्चित पेंशन का प्रावधान है और साथ ही इसमें फैमिली पेंशन और महंगाई भत्ते वे मेडिकल सुविधा को भी बंद कर दिया गया है।
विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पेंशन बहाली संघर्ष समिति और प्रदेश के कर्मचारियों के सामने सरकार बनते ही पुरानी पेंशन नीति को बहाल करने का वादा कर चुके हैं। जेजेपी के मेनिफेस्टो में भी पुरानी पेंशन नीति की बहाली की मांग को रखा गया था। इसके विपरीत सरकार बनने के उपरांत अब तक उपमुख्यमंत्री द्वारा भी इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। प्रमोद ईष्टकान ने कहा कि कर्मचारी सरकार का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, इसलिए उनके भविष्य का ध्यान रखते हुए और प्रदेश के लगभग 2 लाख कर्मचारियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री जल्द से जल्द पेंशन बहाली संघर्ष समिति के शिष्टमंडल से वार्ता कर पुरानी पेंशन नीति को बहाल करने का रास्ता निकालें, ताकि प्रदेश का कर्मचारी चिंता मुक्त होकर अपना कार्य सुचारू रूप से कर सकें। इस अवसर पर विभाग के अधिकारी एईओ राजेश कुमार, विरेन्द्र कुमार, संदीप कुमार, धर्मेंद्र, प्रवीण कुमार, तथा नरेन्द्र कुमार ने अपने विचार व्यक्त किए। गोहाना पहुंचकर पेंशन अधिकार दिवस को सफल बनाने का समिति को आश्वासन देते हुए हरियाणा सरकार सें पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की।