राजेश क्वात्रा, हांसी। ट्रेड यूनियनों, किसान, मजदूर संगठनों के आह्वान पर 78वें सत्याग्रह दिवस पर भारत बचाओ नारे के साथ देशव्यापी सत्याग्रह आन्दोलन व जेल भरो आंदोलन में सर्व कर्मचारी संघ ब्लाक प्रधान सुरेंद्र हुड्डा अध्यक्षता में पुरानी कचहरी चौक पर इक्कठे हुए व विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में बिजली, नगर पालिका, जन स्वास्थ्य, सिंचाई, भवन निर्माण, छात्र संगठन, महिला संगठन, खेत मजदूर यूनियन, आशा वर्कर, आंगनबाडी, किसान सभा, अग्निशमन, सीआईटीयू, एआईसीआईसीयू संगठन, इंटक आदि शामिल हुए। प्रदर्शन करने के बाद तमाम कर्मचारी प्रदर्शन करते हुए थाना शहर तक विरोध गिरफ्तारियां देने के लिए पहुंचे। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए जिला प्रधान सुरेन्द्र यादव, खेत मजदूर यूनियन राज्य उपाध्यक्ष रामअवतार सुलचानी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा विश्वव्यापी करोना महामारी के चलते जहां देश के आम नागरिक की हर प्रकार से मदद करनी चाहिए थी, उस समय भारत देश के सार्वजनिक ढांचे को बर्बाद करने के लिए ताबड़तोड़ हमले कर रही है। देश की आजादी के बाद हरित क्रांति व देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अनेक सरकारी महकमों का निर्माण हुआ। जिसमें बिजली, परिवहन, बैंक, बीमा, कंपनियां, नहरें, हवाई अड्डे, भेल जैसी कंपनियां जो सोने का अंडा देने वाली मुर्गी भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान, पेट्रोलियम, कृषि की पैदावार बढ़ाने के लिए बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटी, केंद्र व राज्य के फार्म बीज विकास निगम अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे रेलवे गया। भारत का नेटवर्क जो पूरे देश में आपस में जोड़ता है, आम नागरिकों के काम आता है इन सभी सरकारी महकमों को खड़ा करने के लिए देश की आम जनता का टैक्स के रूप में लाखों करोड़ों रुपया ने लाखों एकड़ भूमि के बलिदान दिया था। जिसे पढ़े लिखे लोगों की जरूरत पड़ी तो सरकारी स्कूल काले पड़ गए। इस पूरे देश के कई कर्मचारी रूप में स्थापित हुए अनाज के नाम निर्भर बनाई लेकिन 1990 से लेकर अब तक धीरे-धीरे सार्वजनिक ढांचे को तबाह करने का काम किया जा रहा है। केंद्र में बैठी मोदी सरकार ने कमाल कर दिया, पिछले सरकार समय-समय पर जनता के विरोध के चलते कार्रवाई नहीं कर पाए। अब मोदी सरकार ने रेलवे, टेलीफोन, बीमा, बिजली, हवाई अड्डा, स्कूल कॉलेज अतरौली क्षेत्र के एक-एक करके साथी श्रम कानूनों ट्रेडिंग अधिकारों उनके हक में बदलाव कर रही है। देश में दो तरह के सविधान काम कर रहे हैं। पुरानी पेंशन दी जा रही है, कर्मचारियों को पेंशन काटी जा रही है। नई पेंशन लागू है, अगर नई पेंशन इतनी अच्छी है तो तुम पर भी लागू होनी चाहिए। विभागों को बेचा जा रहा है, पूंजी पतियों के हवाले किया जा रहा है। देश की 78वें सत्याग्रह आंदोलन करते हुए तमाम कर्मचारियों ने देश के शहीदों को याद किया। मीटिंग के अंत में प्रस्ताव पास किया कि 23 अगस्त को होने वाले पीटीआई के प्रदर्शन पेपर को रद्द किया जाए और उन्हें बगैर पेपर दिए समायोजित करने का मौका दिया जाना चाहिए। केन्द्र व हरियाणा सरकार कोरोना महामारी की आड़ में विभागों का निजीकरण करने पर जुटी हुई है। विभागों को बडी़ पूंजीपति कम्पनियों को कोडियों के भाव बेचा जा रहा है। रेल, तेल, भेल, बीमा, बिजली, विमान, रोडवेज़, कोयला आदि मुनाफे के उपक्र्रम को बेचा जा रहा है। हरियाणा सरकार 1983 पीटीआई, टूरिज़्म, कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड, नगरनिगम, स्वास्थ्य विभाग से छटनी की जा रही है। इस अवसर पर पूर्व एमएलए हरपाल, किसान सभा नेता प्रदीप सिंह, राज्य कैशियर किसान सभा धर्मवीर कुंवारी, खेत मजदूर यूनियन जोगी राम, गंगाराम मोण,़ आशा खन्ना, भूप सिंह, विकास चंदा, संदीप पुनिया, राजेश शर्मा, स्टूडेंट अनवर, आंगनवाड़ी नेता सुशीला, आशा वर्कर जिला प्रधान सीमा, धर्मवीर सिंह, रणजीत सैनी, रविन्द्र शर्मा, तुलसीदास, भगवान सिंह सैनी, मंगतराम, भूपसिंह बूरा, गुरदीप भारद्वाज आदि उपस्थित थे।