विधायक के रूप में चुने जाने की वजह से छोडऩी पड़ी राज्यसभा, नायडू ने तत्काल प्रभाव से किया कश्यप का इस्तीफा स्वीकार
अशोक छाबड़ा, करनाल/जींद।< राज्यसभा सदस्य रामकुमार कश्यप ने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वह 2014 में निर्वचात होने के बाद इंडियन नेशनल लोकदल के इकलौते राज्यसभा सदस्य थे और इसी साल उन्होंने भारतीय जनता पार्टी जॉइन कर ली थी। अब न सिर्फ उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता छोडऩे का फैसला किया है, बल्कि राज्यसभा के सभापति एवं उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने कश्यप का इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है। जहां तक सदस्यता से इस्तीफे की वजह की बात है, कश्यप करनाल जिले में पड़े इंद्री विधानसभा क्षेत्र मौजूदा चुनाव में विधायक चुने जा चुके हैं। रामकुमार कश्यप अंबाला जिले के उगाला गांव से संबंध रखते हैं और इन दिनों कुरुक्षेत्र में रहते हैं। रामकुमार कश्यप अप्रैल 2014 में इंडियन नेशनल लोकदल की तरफ से राज्यसभा सदस्य के रूप में चुने गए थे। पार्टी के आए दिन गिरते जनाधार की सुर्खियों के बीच जब ज्यादातर नेता पार्टी से कट गए तो रामकुमार कश्यप पार्टी के एकमात्र राज्यसभा सदस्य थे। अब इसी साल विधानसभा चुनाव से पहले रामकुमार कश्यप ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था। उन्हें भाजपा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, महामंत्री भूपेंद्र यादव और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र की उपस्थिति में नई दिल्ली में पार्टी में शामिल किया गया। कश्यप ने कहा था कि उन्हें भाजपा की नीतियां अच्छी लगीं, जिसके चलते वह भाजपा में शामिल हुए। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कश्यप को करनाल जिले के इंद्री विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राकेश कांबोज को 7431 वोटों के अंतर से हराया। विधायक चुने जाने के बाद रामकुमार कश्यप के लिए राज्यसभा की सदस्यता छोडऩा लाजमी हो गया था। गुरुवार को उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया, जिसे सभापति वैंकेया नायडू की तरफ से तत्काल स्वीकार कर लिया गया।