किसानों ने उपायुक्त को बताई फसल बीमा योजना के गबन की सच्चाई
राजेंद्र कुमार, सिरसा।< फसल बीमा योजना में घोटाले की जांच की मांग को लेकर पिछले 8 दिनों से कर्जा निपटारा समिति के अध्यक्ष कर्ण चाड़ीवाल के साथ एचडीएफसी बैंक के समक्ष धरनारत् किसानों ने आज उपायुक्त से मिलकर मामले से संबंधित तथ्य प्रस्तुत किए। उपायुक्त अशोक गर्ग ने किसानों से धरना उठाने की बात कही तो किसान लिखित में बैंकों व बीमा कंपनियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही व किसानों को बीमा राशि देने की बात पर अड़ गए। इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला भी किसानों के साथ उपायुक्त से मिले। किसान नेता एवं कर्जा निपटारा कमेटी के अध्यक्ष करण चाडीवाल ने उपायुक्त से मुलाकात के बाद हमारे संवाददाता को बताया कि कहा कि उपायुक्त अशोक गर्ग ने किसानों को इस मामले में सिरसा के उपमंडलाधिकारी के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन व उचित कार्रवाई करने का विश्वास दिलाते हुए धरना उठाने की बात कही जिस पर चाड़ीवाल ने कहा कि पहले कमेटी का गठन करें और लिखित में आश्वासन दे, उसके बाद यह धरना वे उठा लेंगे। इस कमेटी में बैंक अधिकारियों, किसानों व सरकारी अधिकारियों का भी शामिल किया जाना चाहिए तभी इस मामले में निष्पक्षता जाहिर होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि किसानों के धरने को अब तक प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता होशियारी लाल शर्मा, पूर्व ब्लॉक कांग्रेस कमेटी प्रधान भूपेश मेहता,हरियाणा सहकारी बैक के चैयरमेन एवं भाजपा नेता आदित्य देवीलाल चौटाला, दिग्विजय चौटाला व अवंतिका तंवर अपना समर्थन दे चुके हैं। उपायुक्त को मिलने आए प्रतिनिधिमंडल के किसान नेता कुलदीप बाना व संतलाल ढिल्लों ने बतया कि बीमा कंपनियों ने विभिन्न राष्ट्रीय निजी व सरकारी बैकों से मिलकर लगभग सिरसा के 2500 किसानों के साथ फसल बीमा के नाम पर ठगी की है। बीमा कंपनियों ने किसानों को खराब फसल का मुआवजा देने की बजाय प्रीमीयम राशि ही वापिस लौटा दी,जो सरासर किसानों के साथ धोखा है। उन्होंने बताया कि बैंक किसानों के बैंक खातों से स्वत: ही फसल बीमा की प्रीमियम राशि काट लेते हैं। उन्होंने बताया कि कि फसल बीमा योजना की आड़ में बैंकों व बीमा कंपनियों ने मिलकर करोड़ों रुपयों का घोटाला किया है जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषीगणों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। प्रतिनिधिमंडल में सुभाष पन्नीवाला, हरि सिंह सरपंच, कुलदीप कासनिया, राधेश्याम, शमशेर, अमनदीप गाट, अरविंद बैनीवाल, यशवीर गाट, रणधीर नेजिया, राजेंद्र कस्वां, इंद्रपाल पन्नीवाला, सुरजीत बाना, कु लदीप केहरवाला, अनिल भिड़ासरा, हनुमान जाखड़ आदि किसान मौजूद थे।