- -संविधान निर्माता ने वंचितों व महिलाओं के उत्थान के लिए समर्पित किया जीवन : राजीव जैन
- -पूर्व मंत्री कविता जैन व पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने किया डा. अंबेडकर को नमन
- -बस अड्डा स्थित अंबेडकर पार्क में कविता-राजीव जैन ने किया संविधान निर्माता की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित
- -समरसता के पुजारी डा. अंबेडकर के 66वें महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धासुमन किये अर्पित
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। हरियाणा की पूर्व मंत्री कविता जैन व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने संविधान निर्माता बाबा साहिब के 66वें महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए नमन किया। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे अपने चरित्र में समरसता के पुजारी डा. अंबेडकर के चरित्र को चरितार्थ कर समाज एवं राष्ट्र निर्माण में अपना समर्पित योगदान दें। बस अड्डा स्थित डा. भीमराव अंबेडकर पार्क में जाकर पूर्व मंत्री कविता जैन व पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने भारत रत्न डा. अंबेडकर को श्रद्धासुमन अर्पित किये। इस मौके पर पूर्व मंत्री कविता जैन ने कहा कि डा. अंबेडकर का संपूर्ण जीवन निराशा में आशा जागृत करता है।
डा. अंबेडकर ने जन्म से ही विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना किया, किंतु वे कभी पीछे नहीं हटे। अपितु अपने लक्ष्य की ओर दृढ़ता से आगे बढ़ते चले गए, जिसकी बदौलत समाज में वंचितों को स्वीकार्यता मिली। महिलाओं के प्रति होने वाले अत्याचारों का भी उन्होंने डटकर विरोध किया करते हुए नारी शिक्षा का संदेश दिया। लोकतंत्र के पुजारी बाबा साहिब ने सदैव समरसता का संदेश दिया। उन्हें विभिन्न प्रकार के शीर्षकों एवं नामों से पुकारा जाता है, जिससे उनकी महानता व विद्वता का परिचय मिलता है। उन्हें कानून का ज्ञाता भी कहा जाता है, जिन्होंने भारत के संविधान की रचना की।
आज पूरे विश्व में भारत का संविधान सर्वाधिक विस्तृत व बेहतरीन है जो कि लोकतंत्र का परिचायक है। पूर्व मीडिया सलाहकार एवं वरिष्ठ भाजपाई नेता राजीव जैन ने कहा कि लोकतंत्र के पुजारी डा. अंबेडकर ने अपना समस्त जीवन वंचितों व महिलाओं के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। उन्हें संघर्ष पुरूष की संज्ञा भी दी जाती है, क्योंकि उनका पूरा जीवन ही संघर्षों से भरा रहा। इसके बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। निराशा को कभी अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। संसाधनों के अत्यधिक अभावों के आगे वे कभी झुके नहीं, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली। अपनी मेहनत व लगन तथा सीखने की इच्छा के चलते वे एक उच्च कोटि के विद्वान बने जिन्होंने संविधान की रचना की। हम उनके ऋणी हैं और रहेंगे।
पूर्व मीडिया सलाहकार जैन ने डा.अंबेडकर का जीवन प्रेरणादायी रहा है, जिनका युवा पीढ़ी को अनुकरण करना चाहिए। उन्होंने भेदभाव का विरोध कर समानता के अधिकार की आवाज बुलंद की। युवाओं के लिए उनके आदर्श व संघर्ष प्रेरक एवं मार्गदर्शक की भूमिका अदा करेंगे। युवाओं को डा. अंबेडकर को पढऩा चाहिए और जानना चाहिए। ऐसे महापुरुष का चिंतन भी हमारे लिए पथ प्रदर्शक का काम करता है। इस मौके पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने डा. अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए उनकी जय-जयकार के नारे लगाते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर रतन भाटिया, राजबीर सिंह, बी.एस नरवाल, कृष्ण भाटिया, बलबीर सिंह गहलावत आदि मौजूद थे।