एक मिनट से कम समय में 64 टाइल तोड़कर रिकार्ड बना चुकी है सरिता रोहिल्ला

एक मिनट से कम समय में 64 टाइल तोड़कर रिकार्ड बना चुकी है सरिता रोहिल्ला

  • इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुकी है करनाल की बेटी सरिता रोहिल्ला
  • एसके मार्शल आर्ट अकादमी में महिलाओं को सिखाती हैं आत्मरक्षा के गुर
  • एक मिनट से कम समय में सिर पर मारकर तोड़ चुकी हैं 64 टाइल

रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। जब इंसान के हौंसले बुलंद हों और कुछ कर गुजरने की सोच मन हो तो उस व्यक्ति के लिए कोई भी रास्ता कठिन नहीं होता। सच्ची लगन व मेहनत करने वालों के लिए हर रास्ता आसान होता है तथा इनके आगे हर लक्ष्य बौना साबित होने लगता है। इस तरह की ही सोच रखने वाली करनाल में एसके मार्शल आर्ट अकादमी की संचालक एवं ताईक्वांडी खिलाड़ी सरिता रोहिल्ला। जिसने बगैर सरकारी सहायता के अपने दम पर अनेको मेडल जीतने के साथ-साथ इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज करवा चुकी हैं। खेलों में रोहिल्ला समाज का नाम रोशन करने वाली ताईक्वांडी खिलाड़ी सरिता रोहिल्ला एवं कोच सतीश कुमार राणा का विश्व रोहिल्ला राजपूत संघ महाराजा रणबीर सिंह रोहिल्ला की जयंती पर स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।

ताईक्वांडी खिलाड़ी सरिता रोहिल्ला ने एक मिनट में 64 टाइल को सिर से तोड़ कर इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवाया। जी हां हम बात कर रहे हैं करनाल की ताईक्वांडी खिलाड़ी सरिता रोहिल्ला की, जो फिलहाल करनाल में एसके मार्शल आर्ट अकादमी में लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाती है। ताईक्वांडी खिलाड़ी सरिता रोहिल्ला, इंडिया बुक आफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवाने के अलावा ताइक्वांडों में राष्ट्रीय रेफरी हैं, ब्लैट बेल्ट, ताइक्वांडो में अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता, महिलाओं के लिए विशेष आत्मरक्षा ट्रेनर, महिला रतन पुरस्कार से सम्मानित, राष्ट्रीय गौरव महिला पुरस्कार, हरियाणा गरिमा पुरस्कार, अंतर्राष्ट्रीय गौरव महिला पुरस्कार, मार्शल आर्ट प्रदर्शन टीवी शो सहित कई अन्य पुरस्कार हासिल कर चुकी है।

कहते हैं कि सिर में हल्की सी चोट लग जाए तो हर कोई दर्द से कराहने लगता है। यदि कोई महिला खिलाड़ी टाइल को सिर पर मारकर तोड़ दे तो उसे एक चट्‌टान जैसा पहलवान मान लिया जाता है। करनाल की खिलाड़ी सरिता रोहिल्ला ने एक मिनट में 64 टाइल सिर से तोड़कर इसे एक एतिहासिक उपलब्धि बनाते हुए रिकार्ड कायम कर दिया। उनकी इस उपलब्धि को इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में वर्ष 2017 में दर्ज किया गया। ताईक्वांडी खिलाड़ी सरिता रोहिल्ला एसके मार्शल आर्ट अकादमी में लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाती है।

ब्लैक बेल्ट हासिल करने के बाद उन्होंने कुछ ऐसा करने का सोचा जिसे आज तक कोई पुरुष न कर पाया। इसलिए उन्होंने सिर से टाइल तोड़ने का रिकार्ड कायम कर दिया। अकादमी के संचालक सतीश कुमार राणा ने कहा कि सरिता रोहिल्ला ने कड़ी मेहनत व लगातार अभ्यास के कारण ही रिकार्ड बनाया है। सरिता रोहिल्ला ने अपने दम पर ताइक्वांडो में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपना लोहा मनवा चुकी है। सरिता ने 18 अप्रैल 2017 को करनाल के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में एक मिनट में 64 टाइल को सिर से तोड़ दिया। उत्तराखंड स्पोर्ट्स ताइक्वांडो एसोसिएशन की ओर से देहरादून में दिसंबर 2017 में इंटरनेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप में दूसरा स्थान हासिल किया।

फरीदाबाद में 2017 में राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। ताईक्वांडी खिलाड़ी सरिता रोहिल्ला ने बताया कि आज तक उन्हें सरकारी की ओर से कोई सहायता नहीं मिली है, उन्होंने जो भी प्रतियोगिता जीती है अपने दम पर जीती है, सरकार की तरफ से न तो कोई घोषणा की गई है ओर न ही उन्हें कोई पुरस्कार दिया गया है। कहते हैं कि सलाह के सौ शब्दो से ज्यादा, अनुभव की एक ठोकर, इंसान को मजबूत बनाती है, कुछ बातें समझाने पर नहीं, बल्कि खुद पर बीत जाने पर ही समझ में आती है।

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