- कुंडली सिंघु बॉर्डर पर रास्ते बंद होने के चलते कुंडली, राई, एचएसआईडीसी औद्योगिक क्षेत्र को बड़ा नुकसान
- हरियाणा गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी की बैठक आयोजित हुई
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। मुरथल विश्वविद्यालय में रविवार को हरियाणा गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी की बैठक आयोजित हुई। बैठक में एक भी किसान भाग लेने के लिए नहीं पहुंचा। प्रशासन ने बैठक के बाद कहा कि जल्द ही दूसरी बैठक की जाएगी और कोशिश करेंगे उसमें किसान शामिल हो। बैठक में सोनीपत और झज्जर के डिप्टी कमिश्नर, रोहतक मंडलायुक्त पंकज यादव के अतिरिक्त औद्योगिक यूनियन के अध्यक्ष भी बैठक में मौजूद रहे। सोनीपत के दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय मुरथल में रविवार को हरियाणा के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी की बैठक आयोजित हुई। सरकार की गठित इस हाई पावर कोर कमेटी की बैठक तय शैड्यूल के अनुसार हुई। इसमें सोनीपत जिले की राई कुंडली और गन्नौर औद्योगिक क्षेत्रों से यूनियन के अध्यक्ष मौके पर पहुंचे।
बैठक में प्रशासन द्वारा 43 किसान नेताओं को बुलाया गया था, लेकिन एक भी किसान इस बैठक में शामिल नहीं हुआ। बैठक में मौजूद राई औद्योगिक क्षेत्र के अध्यक्ष राकेश देवगन, कुंडली औद्योगिक क्षेत्र के अध्यक्ष नीरज चौधरी और गन्नौर एचएसआईडीसी के अध्यक्ष शमशेर शर्मा ने बताया कि कुंडली सिंघु बॉर्डर पर रास्ते बंद होने के चलते यहां जो औधोगिक क्षेत्र है उसको बहुत अधिक नुकसान हो रहा है। प्रशासन से अनुरोध किया गया है कि एक तरफ का रास्ता जरूर खुलना चाहिए, जब तक रास्ता नहीं खुलता है जो अन्य रोड है उनको मुरमत कर सही किया जाए, ताकि आने-जाने के रास्ते कुछ सुगम हो सके। उनका कहना है कि सरकार द्वारा गठित की गई हाई पावर कमेटी द्वारा आश्वासन दिया गया है कि जल्द ही जनहित को ध्यान में रखते हुए एक तरफ का रास्ता खुलवाया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर सोनीपत के कुंडली सिंघु बॉर्डर पर धरनारत किसानों से एक तरफ का रास्ता खुलवाने के सरकार के प्रयासों को झटका लगा। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से एक भी किसान इस बैठक में शामिल नहीं हुआ। बैठक में प्रशासन द्वारा जनहित के मुद्दे पर सरकार का सहयोग करने और दोबारा से बैठक आयोजित करने पर विचार विमर्श किया गया। सुप्रीम कोर्ट में 20 सितंबर को जवाब दाखिल करना है। हरियाणा गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए बताया कि इस बैठक में किसानों को भी बुलवाया गया था, वह नहीं पहुंच पाए, लेकिन यहां पर कुछ उद्योगों से जुड़े यूनियनों के अध्यक्ष जरूर पहुंचे हैं। उन्होंने रास्तों को लेकर अपनी कुछ समस्याएं प्रशासन के सामने रखी है। हरियाणा सरकार द्वारा गठित की गई पहली कोर कमेटी की बैठक थी, भविष्य में किसानों से बातचीत करके जल्द ही फिर से बैठक आयोजित की जाएगी।
गौरतलब है कि पिछले कई महीनों से पंजाब और हरियाणा से पहुंचे किसानों ने तीन कृषि कानूनों के विषय को लेकर केएमपी नेशनल हाईवे से लेकर सोनीपत के कुंडली सिंघु बॉर्डर तक सड़क पर टेंट लगाकर धरना दे रहे हैं। रास्ता खुलवाने की मांग को लेकर कई बार स्थानीय ग्रामीणों द्वारा भी बैठ के आयोजित कर किसान हो और प्रशासन को एक तरफ का रास्ता खुलवाने की मांग की जा चुकी है। बैठक में पुलिस महानिदेशक पीके अग्रवाल, एडीजीपी संदीप खिरवार, हरियाणा सरकार के सचिव डा. बलकार सिंह, रोहतक मंडलायुक्त पंकज यादव, उपायुक्त ललित सिवाच, उपायुक्त श्याम लाल पूनिया, पुलिस अधीक्षक जशनदीप सिंह रंधावा एसडीएम शशि वसुंधरा तथा उद्योगपति धीरज चौधरी, राकेश छाबड़ा, राकेश देवगन, शमशेर शर्मा आदि मौजूद रहे।
उद्योगपतियों ने की समस्याओं के समाधान की मांग
बैठक में शामिल औद्योगिक इकाइयों के पदाधिकारियों ने विशेष रूप से उन्हें हो रही समस्याओं के समाधान की मांग की। उद्योगपति धीरज चौधरी ने कहा कि जिला में मध्यम तथा छोटी-बड़ी करीब पांच हजार औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनमें साढ़े चार लाख से अधिक श्रमिक कार्यरत हैं। पहले कोविड-19 और अब किसान आंदोलन ने औद्योगिक इकाइयों को ठप्प सा कर दिया है। यहां की इकाइयों को वार्षिक टर्न ओवर औसतन एक करोड़ से 100 करोड़ रुपये है। लेकिन मार्ग अवरूद्ध होने के चलते इकाइयों का उत्पादन करीब तीस प्रतिशत घट गया है। औद्योगिक इकाइयों के विस्तार की सोच भी नहीं सकते। यदि किसानों के मौलिक अधिकार हैं तो हमारे भी तो मौलिक अधिकार हैं, परंतु हमारे मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। एमएसएमई देश की रीढ़ है और सोनीपत एमएसएमई का एक बड़ा हब है। परंतु इस समस्या के चलते औद्योगिक इकाइयों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने उच्चाधिकारियों से मांग की कि समस्या का हल जल्द निकाला जाए। उद्योगपति राकेश छाबड़ा ने कहा कि आर्थिक नुकसान के साथ मानसिक व शारीरिक तनाव भी झेलने को विवश होना पड़ रहा है। मनोज अरोड़ा ने ऋण लेकर औद्योगिक इकाई के विस्तार की योजना पर विराम लगने संबंधी समस्या प्रस्तुत की।
जिला प्रशासन का जताया विशेष आभार
बैठक के दौरान उद्योगपतियों ने जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। उद्योगपतियों के अनुसार प्रशासन ने उन्हें हर प्रकार से सहयोग, सुविधा तथा सुरक्षा प्रदान की है। जिससे औद्योगिक इकाइयों को संजीवनी मिली है। जिला उपायुक्त नियमित रूप से उद्योगपतियों तथा श्रमिकों और क्षेत्रवासियों एवं ग्रामीणों से संपर्क बनाए हुए हैं। रेजीडेंट वैल्फेयर एसोसिएशनों के साथ भी उपायुक्त ने लगातार बैठक की है। सबकी समस्याओं के समाधान की दिशा में उन्होंने प्रभावी प्रयास किए हैं। उद्योगपतियों ने कहा कि उन्हें पूर्ण भरोसा है कि प्रशासन उनकी मार्ग खुलवाने संबंधी समस्याओं को दूर करेगा।