आतंकियों से मुठभेड़ में घायल हुए थे मेजर मयंक बिश्नोई
मेरठ, मुकेश ठाकुर। कंकरखेड़ा क्षेत्र के शिमलापुरी निवासी मेजर मयंक बिश्नोई सोफिया में आतंकियों से मुठभेड़ के बाद सहित हो गए, जहां उनका पार्थिक शरीर आज मेरठ पहुंचा। जिसके चलते जनप्रतिनिधि और कॉलोनी वासियों ने पार्थिक शरीर पर पुष्प अर्पित किए। आपको बता दें थाना कंकरखेड़ा क्षेत्र के शिवलोक पुरी निवासी मेजर मयंक बिश्नोई जम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकी से मुठभेड़ में 27 अगस्त को घायल हुए थे, जहां उनका उपचार उधमपुर के मिलिट्री हॉस्पिटल में चल रहा था। जिसके बाद कल वह वीरगति को प्राप्त हो गए, आज उनका पार्थिक शरीर मेरठ के कंकरखेड़ा क्षेत्र के शिवलोक पुरी आवास पर पहुंचा। जहां पर सैन्य अफसर जनप्रतिनिधि और कॉलोनी वासियों ने वंदे मातरम के जयकारे लगाए। रविवार को राजकीय सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया।
मेरठ का एक और लाल देश के लिए शहीद हो गया। कंकरखेड़ा शिवलोकपुरी निवासी मेजर मयंक बिश्नोई शनिवार की सुबह वीरगति को प्राप्त हो गए। वे 2010 में ही आईएमए से पास आउट हुए थे। मेजर मयंक बिश्नोई जम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकियों से मुठभेड़ में 27 अगस्त को घायल हो गए थे। तब से उनका उधमपुर के मिलिट्री अस्पताल में इलाज चल रहा था। परिजनों के अनुसार शनिवार की सुबह वे वीरगति को प्राप्त हो गए।
रविवार को राजकीय सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया। मेजर मयंक विश्नोई राजपूताना राइफल्स में तैनात थे। परिजनों के अनुसार शहीद मेजर के पिता सेना से रिटायर हैं। वे सेना में सूबेदार रह चुके हैं। सूबेदार वीरेंद्र विश्नोई की प्रेरणा से ही उनका पुत्र देश सेवा के लिए आईएमए में चयनित हुए। 2010 में आईएमए से पास आउट होने पर घर में खुशियों का माहौल था। आज पूरे परिवार को मयंक की शहादत गर्व है। वहीं मोहल्ले के अन्य लोग भी सूचना मिलने पर परिवार को सांत्वना देने पहुंचे। मेजर मयंक बिश्नोई राजपूताना राइफल्स में तैनात थे। मेजर मयंक के परिवार में पिता वीरेन्द्र विश्नोई, माता मधु विश्नोई, पत्नी स्वाति विश्नोई और दो बहनें है। रविवार को राजकीय सैन्य सम्मान के साथ मेजर मयंक के पार्थिक शरीर का अंतिम संस्कार किया गया।