- देश को दिलाई ऐतिहासिक उपलब्धि, पैरालंपिक में इतिहास रचने वाले सुमित की माता को बधाई देते हुए राजीव जैन ने किया सम्मानित
- -पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने सुमित के घर जाकर स्वर्णिम प्रदर्शन की खुशी को किया साझा
- – प्रतिभाशाली सुमित को 6 करोड़ रुपये के साथ सरकार देगी सरकारी नौकरी
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने पैरालंपिक में स्वर्णिम प्रदर्शन करने वाले सुमित के घर (खेवड़ा) जाकर उनकी माता निर्मला देवी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। साथ ही उन्होंने मिठाई खिलाकर परिजनों व ग्रामीणों के साथ खुशी को साझा किया। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए हरियाणा सरकार सुमित को 6 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि के साथ सरकारी नौकरी का तोहफा प्रदान करेगी।
राजीव जैन ने निर्मला देवी को बधाई देते हुए कहा कि सुमित ने आज खेवड़ा गांव का नाम अंतर्राष्ट्रीय पटल पर स्वर्णिम अक्षरों में अंकित कर दिया है। सुमित ने नया इतिहास रचा है, जिसने प्रदेश ही नहीं अपितु पूरे देश को गौरवान्वित किया है। ऐसे पुत्र की माता होना सौभाग्य की बात है। सुमित ने पैरालंपिक की भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर दिव्यांगों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बनने का काम किया है। इस खिलाड़ी ने दिखा दिया है कि लगन, मेहनत व संकल्प के बल पर कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। विपरीत परिस्थितियों में सुमित ने चमत्कृत प्रदर्शन किया है, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। जैन ने कहा कि सुमित के घर लौटने के बाद उनका अभिनंदन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे खिलाडिय़ों में प्रतिभा कूट-कूटकर भरी है, जिसे प्रदेश सरकार की खेल नीति ने संवारने का काम किया है।
हरियाणा सरकार की खेल नीति ने खेल-खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन दिया है, जिसके लगातार सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। हर स्तर पर हमारे खिलाड़ी अपनी चमक बिखेर रहे हैं। राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हर जगह हमारे खिलाडिय़ों का वर्चस्व स्थापित हुआ है। जैन ने युवाओं का आह्वान किया कि वे पढ़ाई के साथ खेलों में भी हिस्सा अवश्य लें। आज खेलों में भी स्वर्णिम कैरियर बनाया जा सकता है। यह सुमित ने कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि दृढ़ता के साथ हम आगे बढें तो कोई भी बाधा हमें रोक नहीं सकती। सुमित ने एक पांव न होते हुए यह कारनामा करके दिखाया है। युवाओं के लिए वे एक मिसाल बनकर सामने आये हैं। उनसे प्रेरित होकर युवाओं को खेलों में आगे बढ़ते हुए अपने देश-प्रदेश का नाम रोशन करना चाहिए।
मेरा भारत महान है।
हम सब इसकी शान हैं।