लाखों रूपये खर्च बिना सरपंच बने ही गावों में विकास कार्य की लगा दी झड़ी

लाखों रूपये खर्च बिना सरपंच बने ही गावों में विकास कार्य की लगा दी झड़ी

  • वर्षों से पड़े लंबित विकास कार्यो को करवाया जा रहा है पूरा
  • गांव में करवाये जा रहे कार्यो से बना पुनीत सहरावत सबका चहेता

महेष कौशिक, सांपला। अक्सर लोग व्यवस्था को दोषी मानकर ही उस कार्य को यह कहकर छोड़ देते है, यदि मैं किसी राजनैतिक पद या प्रशासनिक पद पर होता तो इस काम को कर ही देता, लेकिन इस बारे में मैं कुछ नहीं कर सकता। आदि आदि ऐसी अनेक बातें है जो अममुन हम सब रोज सुनते है, लेकिन यदि आपको अपने समाज, देश के लिए कुछ करने संकल्प ही कर लिया हो तो उस मार्ग में कुछ अड़चने भले ही आ जाये।

आपको उस कार्य को करने से रोकने वाला कोई नहीं हो सकता। करोना काल ने इस युवा की जिंदगी में ऐसा परिवर्तन कर दिया किया ये अपना सब कुछ छोड़कर गांव की छोटी बड़ी समस्याओं का हल करने में जुटा हुआ है। जी हां हम बात करते है सांपला खंड के गांव भैसरू खुर्द के उस युवा समाजसेवी पुनीत सहरावत की जो पिछले कोरोना काल में नोएड़ा से अपनी नौकरी से छुट्टी लेकर कुछ दिनों तक गांव में रहने के लिए आया था, लेकिन जब गांव की गलियों, लाईट, पानी के बारे में देखा तो इस युवा ने गांव की व्यवस्था के बारे में योजनाबद्ध तरीके से काम करना शुरू कर दिया।

सबसे पहले पुनीत ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए गांव में एक ऐसे वाहन की व्यवस्था की जो किसी भी आपात स्थिती में गांव के लोगों को सरकारी या प्राईवेट अस्पताल तक पहुचांया जा सके। पुनीत ने इस कार्य के लिए न तो किसी से मदद मांगी और न ही सरकार को कोसा। उन्होंने अपने पैसे से नई गाड़ी खरीद कर गांव के बस स्टैंड पर खड़ी कर मुनादी करवा दी, जिसको भी ईलाज के गाड़ी चाहिए वो ले जा सकता है। गांव की गलियों का अंधेरा दूर करने के लिए पुनीत ने गांव की सभी खराब लाईटों को ठीक करवाया और जहां नई लाईटों की जरूरत थी वहां इस युवा ने नई लाईटे लगवाने का भी काम किया।

गांव की चौपाल जो गांव की शान होती है, उसकी जर्जर अवस्था को भी गांव के इस युवा ने नया रूप देने का काम किया है। गांव की चौपाल में नये बिस्तर, नए शौचालय, स्नानघर, पंखे आदि लगवाने का कार्य करवाया है। गलियों की मरम्मत के साथ ही गलियों की नालियों पर लोहे के नये चैनल डलवाने का काम किया है। इस बारे में गांव के युवाओं का कहना है कि पुनीत सकारात्मक सोच का युवा है और गांव में पुनीत के आने से सब और अच्छा ही अच्छा हो रहा है। पुनीत ने गांव में भाईचारे को बढ़ावा देते हुए गांव में स्वास्थ्य, सफाई को लेकर मुहिम चलाई हुई, जिसका लोग भी पूरी तरह से साथ दे रहे है।

गांव में पेयजल की समस्या को देखते हुए इस युवा ने गांव में जगह-जगह नलकुप लगवाने शुरू कर दिये है। गांव की महिलाओं में भी पुनीत के इन अच्छे कार्यो को लेकर चर्चा है। गांव के ग्रामीण चांदराम सहरावत का कहना है कि गांव के इस युवा ने गांव की तस्वीर बदल दी। कोरोना काल में जो मदद इस युवा ने की, ऐसी सेवा तो कोई अपना भी नहीं कर सकता। गांव में शिक्षा की अच्छी व्यवस्था को लेकर भी पुनीत अपने कार्य में जुटा हुआ है। सच कहते है कि यदि आप बिना किसी मंशा के नेक कार्य कर रहे हो तो आप के लिए मार्ग अपने आप बनता चलता है। पुनीत के इन नेक काम भी आसपास के क्षेत्र में चर्चा का विशय बने हुए है।

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