महिलाओं के सपनों को साकार कर रही है दीन दयाल अंत्तोदया योजना

महिलाओं के सपनों को साकार कर रही है दीन दयाल अंत्तोदया योजना

  • -इस योजना के तहत 10 से 15 महिलाएं एक समूह के रूप में करती है कार्य
  • -सरकार द्वारा अपना काम शुरू करने के लिए महिलाओं को दिया जाता है लोन

रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा ग्रामीण गरीब परिवारों को देश की मुख्यधारा से जोडऩे और विभिन्न कार्यक्रमों के गरीब परिवारों के उत्थान के लिए दीन दयाल अंत्तोदय योजना (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन-एनआरएलएम) की शुरूआत की थी जो जरूरतमंद परिवार की महिलाओं के सपनों को साकार कर रही है। इस योजना तहत गांव में 10 से 15 महिलाओं समूह बनाए जाते है। जो अपनी परिवार की आमदनी में से कुछ रूपये प्रति माह बचत के रूप में जमा करती है। इसके बाद समूह का बैंक में खाता खोला जाता है, जिससे समूह की सभी महिलाएं जरूरत पडऩे पर आसान किस्तों व सस्ते ब्याज पर ऋण का आपसी लेन-देन करती है।

उपायुक्त ललित सिवाच ने कहा कि इस योजना के तहत समूह की तीन माह की सही कार्यप्रणाली के बाद विभाग द्वारा 10 हजार रूपये उपलब्ध करवाए जाते हैं तथा 06 माह उपरांत बैंक से जमा राशि का 04 से 06 गुणा राशि तक आर्थिक गतिविधि के लिए ऋण दिलवाया जाता है। जिससे मदद से महिलाएं अपना आर्थिक स्तर व बच्चों की शिक्षा की शिक्षा का स्तर ऊचां उठा सके। उपायुक्त ने कहा कि इसके बाद गांव के 06 महीने पुराने 07 से अधिक समूह को इक्_ïा करके ग्राम संगठन का गठन किया जाता है। जिसमें कार्यालय की स्थापना के लिए स्टार्ट फंड के नाम पर विभाग द्वारा 25 हजार व प्रति समूह 50 हजार रूपये या अधिकतम 05 लाख रूपये की सहायता राशि एक ग्राम संगठन को समूहों के लेन-देन को बढावा दे के लिए दी जाती है। उपायुक्त ने कहा कि समूह की महिलाओं को समूह की कार्यप्रणाली, समूह के नियम व रिकार्ड लिखने के अलावा अन्य सभी विषयों पर कार्य करने के लिए विभाग द्वारा समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है।

इसके अलावा समूह की महिलाओं को आर्थिक गतिविधि के लिए जैसे सर्फ बनाना, अचार बनाना, ब्यूटी पार्लर व डेरी फार्मिंग के लिए ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि महिलाएं अपना आर्थिक स्तर ऊचां उठाने के लिए अपना कार्य शुरू कर सकें। उपायुक्त ने कहा कि दीन दयाल अंतोदया योजना के तहत जिला में वर्ष 2020-21 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के मद्देनजर 426 स्वयं सहायता समूह, 37 ग्राम संगठन, 02 सीएलएफ का गठन हुआ। विभाग द्वारा 568 स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक सहायता के लिए रिवॉलविंग फंड के तौर पर 56.8 लाख रूपये की राशि प्रदान की गई। इसके अलावा विभाग द्वारा सभी 27 ग्राम संगठनों को स्टार्टअप फण्ड के तौर पर दो करोड 06 हजार रूपये की रशि प्रदान की गई।

इसके अलावा विभाग द्वारा सीएलएफ को भी स्टार्ट-अप फण्ड के तौर पर एक लाख रूपये की सहायता राशि प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि जिला में वर्ष 2020-21 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बैंकों द्वारा 265 स्वयं सहायता समूहों को वित्त पोषित के रूप में तीन करोड 22 लाख रूपये प्रदान किए गए। उपायुक्त ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने 02 लाख 05 हजार मास्क, 06 हजार सैनेटाईजर की बोतलें जो 100, 200, 500 एमएल व 05 लीटर की पैकिंग में, 250 एमएल की पैकिंग में 500 बोतलें हैण्डवाश, 545 पीपीई किट बनाकर बेची गई। इसके अलावा गोहाना की नई अनाज मण्डी में अटल मजदूर किसान कैंटीन खोली गई जिसमें 10 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार मिला है।

उपायुक्त ने कहा कि जिला में कोरोना महामारी के दौरान कार्य सुचारू रूप से नहीं चल सका। लेकिन अब 2021-22 के मद्देनजर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि वे इस कार्य में तेजी लाए और अपने लक्ष्य को जल्द से जल्द पूरा करें। उन्होंने बताया कि जिला में अब तक 31 सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है। इसके अलावा 10 ग्राम संगठन के गठन की प्रक्रिया चली हुई है जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि खण्ड गन्नौर में 02 सीएलएफ पर कार्य शुरू कर दिया गया है। 11 स्वयं सहायता समूहों को रिवॉलविंग फण्ड के आवेदन मुख्यालय भेज दिया गया है तथा अन्य 35 पर कार्यवाही की जा रही है। उपायुक्त ने कहा कि जरूरतमंद परिवारों की सभी महिलाओं को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत आर्थिक स्तर को बढाने के लिए फायदा उठाना चाहिए।

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