सिंचाई विभाग और नगर निगम के अधिकारी बैठक कर इस विकल्प पर मुहर लगाएं
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। शहर की बाहरी कालोनियों में पेयजल आपूर्ति के लिए 25 करोड़ रुपए की लागत से ककरोई रोड पर निर्माणाधीन नहर आधारित पेयजल योजना के लिए कच्चा पानी ककरोई हेड पर पश्चिमी यमुना नहर और एनसीआर चैनल के मिलने वाले स्थान से ही उपलब्ध होगा। इसके लिए जल्द ही निगम एवं सिंचाई विभाग के दिल्ली बैठे अधिकारियों को बैठक में केस तैयार करके मंजूरी के लिए सरकार को भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने दहिया कालोनी, मायापुरी, कीर्ति नगर, सरस्वती विहार, देवीलाल कालोनी, गढ़ी ब्राह्मणान, विशाल नगर, भगत सिंह कालोनी, कालूपुर, बाबा कालोनी, मोहन नगर, लहराडा समेत दर्जन भर कालोनियों की पानी की किल्लत को पूरा करने में संजीवनी बूटी बनने वाली इस परियोजना की तकनीकी अड़चन दूर करने के लिए कमर कस ली है। सोमवार को पानी के इस महत्वपूर्ण मसले को सुलझाने के लिए सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता अश्वनी फौगाट और नगर निगम के एसडीओ नरेंद्र कुमार के साथ उन्होंने ककरोई हेड का दौरा करते हुए मौका देखा।
उन्होंने कहा कि नगर निगम और सिंचाई विभाग के मध्य विवाद पानी देने के बिंदु आरडी 227500 तथा आरडी 2282234 की बजाय ककरोई हेड पर मिलने वाले एनसीआर चैनल और पश्चिमी यमुना लिंक नहर चेनल से पानी देने की व्यवस्था की जा सकती है और इससे दोनों विभागों के मध्य की तकनीकी अड़चन भी दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस स्थान पर तालाब नुमा तरीके से 365 दिन 24 घण्टे पानी की उपलब्धता रहती है, जिससे कभी पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा। यही नहीं निगम द्वारा सुझाए स्थान के लिए दिल्ली ब्रांच को बंद करके चेनल क्रॉस करवाना पड़ेगा, जिसके लिए 5 दिन दिल्ली ब्रांच को बंद करना पड़ेगा और यह किसी भी सूरत में सम्भव नहीं है।
इस पर सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता ने भी माना कि यह विकल्प बेहतर रहेगा। इसके साथ ही कार्यकारी अभियंता अश्वनी फौगाट ने कहा कि इसके लिए सिंचाई विभाग के दिल्ली कार्यालय बैठे अधिकारियों के साथ बैठक करके रास्ता निकलना होगा। मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने कहा कि जल्द सिंचाई विभाग और नगर निगम सोनीपत के अधिकारी इस बैठक का समय निर्धारित करें और उसमें इस विकल्प पर मुहर लगाएं।
उन्होंने कहा कि इसके बाद प्रस्ताव मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास भेजा जाएगा, जिसकी मंजूरी के बाद ककरोई हेड से पानी लाने का रास्ता साफ हो जाएगा। उन्होंने बताया कि समय से तकनीकी अड़चन दूर करवाना उनकी प्राथमिकता है। इससे समय पर टेंडर लगकर काम करवाया गया तो सर्दियों में काम पूरा हो सकता है। यही नहीं गर्मी का मौसम शुरू होने से पहले ही इस परियोजना के माध्यम से दर्जन भर कालोनियों के पानी की किल्लत दूर करना सम्भव हो जाएगा।