- ग्रामीणों ने डीसी के माध्यम से डिप्टी सीएम के नाम ज्ञापन भेजा
- ग्रामीणों ने बीडीपीओ पर लगाए सरपंच से मिलीभगत के आरोप
- सरपंच द्वारा गांव में 125 लाइट लगवानी थी, गांव में 95 लाइट ही लगवाई
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। जिले के गांव गुहणा में सोलर स्ट्रीट लाइट के गबन मामले में 2 महीने बीत जाने के बाद भी कारवाई ना कि जाने को लेकर ग्रामीणों ने जिला उपायुक्त के माध्यम से डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के नाम ज्ञापन भेजा है। गांव गुहणा में 125 से स्ट्रीट लाइट की जगह 95 स्ट्रीट लाइट लगाकर घोलमाल करने वाले सरपंच के खिलाफ जिला उपायुक्त द्वारा कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। 2 महीने पहले सरपंच से रिकवरी करने के साथ कार्रवाही के निर्देश बीडीपीओ के माध्यम से दिए गए। ग्रामीणों ने बीडीपीओ पर भी आरोप लगाए गए हैं कि उनकी मिलीभगत से इतना बड़ा घोटाला किया गया। अभी तक गांव के सरपंच के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
ग्रामीणों की मांग है कि गांव के विकास कार्यों की जांच हो और जो गबन सामने आया है उसमें रिकवरी के साथ सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की जाए। ग्राम पंचायतों में विकास कार्य को लेकर गबन के मामले लगातार सामने आते रहे हैं। इसी के तहत सोनीपत जिले के गांव गुहणा में सरपंच द्वारा सोलर स्ट्रीट लाइट के गबन का मामला सामने आया था। जानकारी के मुताबिक गांव गुहणा में सरपंच ने नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा के तहत गांव में सोलर स्ट्रीट लाइट लगवाने का कार्य किया था। लेकिन गांव के सरपंच ने मिलीभगत कर सोलर स्ट्रीट लाइट का फर्जी आंकड़ा तैयार करवा कर गांव में 30 सोलर लाइट कम लगवाई है।
रिकॉर्ड के मुताबिक गांव में 125 सोलर लाइट लगवाई गई है। जबकि धरातल पर गांव में 95 सोलर स्ट्रीट लाइट लगवाई गई है। इनमें से कुछ लाइट बिना पोल के भी लगाई गई है। सरपंच द्वारा गांव में 125 लाइट पोल सहित लगवानी थी, वही गांव के सरपंच ने गबन करते हुए 95 लाइट ही लगवाई थी। इनमें से कुछ लाइट ऐसी भी है जिनके पोल नहीं लगे हुए हैं। गांव में स्ट्रीट लाइट के घपले को उजागर करने के लिए गांव के ही दीपक ने आरटीआई के जरिए सोलर स्ट्रीट लाइट की जानकारी मांगी थी। जब जानकारी प्राप्त हुई तो उसमें 30 स्ट्रीट लाइटों का गबन मिला और जिसकी शिकायत जिला उपायुक्त को भी दी गई।
जिला उपायुक्त ने परियोजना अधिकारी नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा विभाग एवं हरेडा कार्यालय अतिरिक्त उपायुक्त सोनीपत को 31 मार्च 2021 को गांव के सरपंच से 30 सोलर लाइटों का रिकॉर्ड अनुसार रिकवरी करने के आदेश जारी दिए थे। इसके बावजूद 2 महीने बीत जाने के बाद भी बीडीपीओ ने सरपंच के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इसी को लेकर गांव गुहणा के लोगों ने मिलकर जिला उपायुक्त के माध्यम से प्रदेश के डिप्टी सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में मांग की है कि पूरे मामले में आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। गांव में अन्य विकास कार्यों की लेकर जो भ्रष्टाचार किया गया है, उसकी भी जांच की जानी चाहिए।
ग्रामीण दिलबाग, राज, राकेश आदि का आरोप है कि प्रशासन द्वारा अभी इसमें कोई कार्रवाई नहीं की गई है। गांव में स्ट्रीट लाइट्स से भी ज्यादा बड़े घोटाले किए गए हैं। जांच में सब खुलकर सामने आ जाएगा। गांव में स्ट्रीट लाइट की जांच गांव के चौकीदार समेत मौजिज व्यक्तियों की निगरानी में करवाई गई तो यह घालमेल सामने आया था। वही आरटीआई लगाने वाले दीपक ने बीडीपीओ पर भी आरोप है कि अधिकारी की मिलीभगत से यह सब गबन किया गया है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस में कब तक कार्रवाई करता है। गौरतलब है कि ग्राम पंचायतों का मौजूद कार्यकाल दिनांक 24 फरवरी 2021 को सरकार द्वारा समाप्त किया जा चुका है।
गांव के सरपंच द्वारा 13800 में एक स्ट्रीट लाइट की कीमत दर्शाई गई थी। जबकि गांव के सरपंच ने जिस एजेंसी से स्ट्रीट लाइट लगवाई थी। दीपक ने उसी से रेट की जानकारी ली तो उसमें 6400 रुपए वास्तविक रेट पाया गया था। यानी कि एक लाइट पर 7400 रु के मुनाफे के साथ 9 लाख 25 हजार का चूना ग्राम पंचायत के पैसों पर लगाया है। वहीं जांच के मुताबिक 25 लाइट कम लगाई गई हैं, जिनका 25 लाइट के हिसाब से करीबन 3 लाख 45 हजार रु बनते हैं। यानी कि गांव गुहणा में स्ट्रीट लाइट के घपले में करीबन 12 लाख 70 हजार रु का गबन है।
दीपक ने बताया कि गांव में अन्य विकास कार्य में भी बीडीपीओ की मिलीभगत से गांव के विकास कार्य के पैसों का गबन किया है। जिसकी जांच होनी चाहिए। वही जिस एजेंसी से गांव के सरपंच ने स्ट्रीट लाइट लगवाई है, उसके खिलाफ जिला उपायुक्त ने पहले भी मामला दर्ज करवाया हुआ है। बावजूद इसके उसी एजेंसी से काम करवाया गया है, जोकि पूरे स्ट्रीट लाइट मामले में घोटाले को लेकर सवालिया निशान खड़ा करता है। वहीं शिकायतकर्ता दीपक ने कहा कि गांव के सरपंच ने गांव में सोलर स्ट्रीट की 125 लाइट लगवाई है, जोकि दस्तावेज में दर्शाई गई है। जबकि गांव में 95 ही लाइट लगी हुई है। जिसमें 30 लाइटों के गबन को लेकर जिला उपायुक्त द्वारा बीडीपीओ को 30 लाइटों के पैसों की रिकवरी को लेकर आदेश के साथ लेटर भी जारी किया था।
करीबन 2 महीने बीत जाने के बाद भी गांव के सरपंच पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। दीपक ने गांव के सरपंच पर कार्रवाई न करने को लेकर बीडीपीओ पर भी मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। दीपक ने कहा कि गांव के सरपंच द्वारा 13800 में एक स्ट्रीट लाइट की कीमत दर्शाई गई है। जबकि गांव के सरपंच ने जिस एजेंसी से स्ट्रीट लाइट लगवाई है, उसी से रेट की जानकारी ली गई तो उसमें 6400 रुपए वास्तविक रेट है। रेट में भी घपला किया गया है।