किसान आंदोलन में हिंसा के लिए न हो कोई स्थान : उपायुक्त  

किसान आंदोलन में हिंसा के लिए न हो कोई स्थान : उपायुक्त  

– आंदोलन में संदिग्धों के शामिल होने पर तुरंत दें सूचना
– ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान को लेकर विस्तार से हुआ विचार-विमर्श
– उपायुक्त ने दिए सर्विस रोड की मरम्मत व आंदोलन स्थल में फोगिंग के निर्देश
– जिला प्रशासन की मध्यस्थता में समन्वय कमेटी की बैठक का आयोजन

रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। उपायुक्त ललित सिवाच ने कहा कि कुंडली-सिंघू बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। हाल के दिनों में हुई हिंसात्मक घटना निंदनीय है। स्थानीय निवासी भी इस प्रकार की घटनाओं के समर्थक नहीं है। लोकतंत्र में शांतिपूर्वक आंदोलन का अधिकार है, जिससे कानून एवं व्यवस्था नहीं बिगडऩी चाहिए।

उपायुक्त की अध्यक्षता में मंगलवार को राई स्थित पीडब्ल्यूडी के विश्राम गृह में एक समन्वय बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें आंदोलनरत किसानों के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों तथा स्थानीय लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया। बैठक में विशेष रूप से कुछ छिटपुट हिंसात्मक घटनाओं की चर्चा करते हुए निंदा की गई। उपायुक्त ने कहा कि यदि आंदोलन में कोई संदिग्ध दिखाई दे तो उसकी सूचना पुलिस-प्रशासन को दें और पुलिस के हवाले करें। आंदोलन शांतिपूर्वक चला है। प्रशासन तथा किसान नेताओं ने धैर्य व सूझ-बूझ के साथ हर प्रकार की समस्याओं का समाधान किया है। किसी भी प्रकार की तनावपूर्ण स्थिति पैदा नहीं होने दी गई।

उपायुक्त ने किसान नेताओं तथा स्थानीय निवासियों की मांगों की सुनवाई भी की। किसान नेताओं ने ट्रैफिक जाम की स्थिति पर विस्तार से चर्चा करते हुए समाधान के लिए बाहरी ट्रैफिक के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की। किसान नेताओं ने कहा कि स्थानीय निवासियों को विशेष छूट दी जाए, लेकिन दिल्ली जाने के लिए अन्य क्षेत्रों से आने वाले लोगों के लिए अन्य वैकल्पिक मार्ग दिए जाएं। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग पर सर्विस रोड को दुरूस्त करने की मांग भी की। किसान नेताओं ने आंदोलन स्थल पर बिजली व सफाई की व्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा फोगिंग करवाने की मांग भी की। उपायुक्त ने मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को सभी व्यवस्थाओं को बेहतरीन करने व सर्विस रोड की मरम्मत का कार्य तुरंत प्रभाव से पूरा करने के निर्देश दिए।

इस दौरान स्थानीय लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने आंदोलनकारी किसान नेताओं से उनके काम-काज व आवाजाही के लिए एक तरफ का रास्ता खोलने की मांग की। साथ ही हिंसात्मक घटनाओं पर रोक लगाने की मांग भी की गई। किसान नेताओं ने एक तरफ के रास्ते की मांग पर विचार का भरोसा देते हुए हिंसात्मक घटनाओं की निंदा की। उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक ने स्थानीय निवासियों के प्रतिनिधियों से अलग से भी बातचीत करते हुए भरोसा दिया कि उनकी मांगों को किसान नेताओं के बीच वे पहले ही रख चुके हैं।

पुलिस अधीशक जशनदीप सिंह रंधावा ने किसान नेताओं व स्थानीय लोगों से अपील की कि वे कानून एवं व्यवस्था बनाये रखें। कानून एवं  व्यवस्था के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उपायुक्त सिवाच व पुलिस अधीक्षक रंधावा ने शांति बनाये रखने की अपील भी की। इस मौके पर एसडीएम शशि वसुंधरा, डीएसपी विरेंद्र राव, डीएसपी विपिन कादयान, किसान नेता दर्शनपाल सिंह, पवन कुमार, बलवंत सिंह, सतनाम सिंह, करतार सिंह, हरमेंद्र सिंह, अभिमन्यू कोहाड़, जसवीर सिंह, अमित, पुरुषोत्तम सिंह, रमेश कुमार तथा स्थानीय निवासियों के प्रतिनिधि मंडल में जसवीर, हेमंत आदि मौजूद थे।

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