-सरकार की जल बचाओ मुहिम (मेरा पानी-मेरी विरासत) के साथ जुड़े ज्यादा से ज्यादा किसान
-योजना के लाभ के लिए 25 जून तक किया जाएगा पंजीकरण, किसान अपना पंजीकरण करवाकर उठाएं योजना का लाभ
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। उपायुक्त ललित सिवाच ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पानी बचत के साथ-साथ किसानों को फसल विविधिकरण की ओर अग्रसर करने के उद्देश्य से मेरा पानी-मेरी विरासत नामक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की हुई है। जागरूक किसान इस योजना से अपनी आमदनी को बढा सकते हैं और अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जागरूक किसान अपने आस-पास के अन्य किसानों को भी इस योजना का लाभ उठाने के लिए जागरूक करें ताकि जल का संरक्षण किया जा सके।
उपायुक्त सिवाच ने कहा कि धान की जगह वैकल्पिक खेती करके न केवल अधिक पैदावार कर सकते हैं बल्कि पानी की भी बचत कर सकते हैं। इस योजना के तहत किसान वैकल्पिक खेती को अपनाकर सरकार की मेरा पानी-मेरी विरासत योजना का लाभ उठाते हुए प्रति एकड़ 7 हजार रुपये की राशि भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा किसान ड्रिप सिस्टम से सिंचाई करके करीब 75 प्रतिशत पानी की बचत कर सकते हैं।
उपायुक्त ने कहा कि धान की बजाय अन्य फसल उगाकर जल बचाओ मुहिम में हर किसान को जुडऩा चाहिए। इसके लिए फसल विविधिकरण को अपनाकर मुहिम के उदे्दश्य को सार्थक किया जा सकता है। उन्होंने किसान भाईयों से अपील की है कि वे भी धान की फसल की बजाए अन्य वैकल्पिक फसलें जैसे मक्का, कपास, अरहर, मूंग, ग्वार, तिल, मूंगफली, मोठ, उडद, सोयाबीन व चारा तथा प्याज की फसल की कास्त करें व सरकार द्वारा चलाई जा रही मेरा पानी-मेरी विरासत स्कीम का लाभ उठाए।
उपायुक्त ने कहा कि मेरा पानी-मेरी विरासत तथा मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण 25 जून 2021 तक करवाना अनिवार्य होगा। योजना के अनुसार जो किसान धान फसल की बजाए वैकल्पिक फसल जैसे मक्का, कपास, अरहर, मूंग, ग्वार, तिल, मूंगफली, मोठ, उडद, सोयाबीन व चारा तथा प्याज की फसल की कास्त करने पर उसे सात हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।