पानी के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती : शिन्दे
संपूर्ण मानवता का अस्तित्व प्रकृति पर ही निर्भर : अहलावत
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। सारथी जन सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट रज़ि द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस 2021 के उपलक्ष्य में विश्व पर्यावरण दिवस के पूर्व दिवस पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम विश्व पर्यावरण दिवस 2021 के थीम : विषय “पारिस्थितिकी तंत्र बहाली” पर सेमिनार का आयोजन किया। सेमिनार में पर्यावरणविद डा. गुरुदास नूलकर, इकोलॉजिकल सोसाइटी पुणे से मुख्यातिथि व कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. सोनाली शिंदे मैनेजिंग ट्रस्टी ग्राम गौरव प्रतिष्ठान (पानी पंचायत) महाराष्ट्र ने की।
इस अवसर पर मुख्यातिथि डा. गुरुदास नूलकर ने कहा कि किसी स्थान पर पाए जाने वाले जीव-जन्तु, पेड़-पौधे तथा वहां के वातावरण में पाई जाने वाली विभिन्न वस्तुओं के तंत्र को पारिस्थितिकी तंत्र कहते हैं। पारिस्थितिकी तंत्र पर्यावरणीय सन्तुलन बनाए रखने के लिए अति आवश्यक है। लोगों और प्रकृति की भलाई के लिए हर जगह पारिस्थितिक तंत्र को बहाल करने के लिए सामुहिक प्रयासों के सात एक वैश्विक आंदोलन की जरूरत है।
इस अवसर पर कार्यक्रम अध्यक्षा डा. सोनाली शिन्दे ने कहा कि जैसा हम सब जानते है कि जल ही जीवन है। पानी के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। तमाम वैज्ञानिक शोध इस बात को बता रहे है कि यदि मनुष्य ने समय रहते जल संरक्षण की ओर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले वर्षों में पीने के पानी के लिए संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। वर्षा के जल को कुओं, तालाबों व बांध आदि बनाकर एकत्र करे और जल प्रदूषण रोकने व पानी की बर्बादी रोकने हेतु ठोस व कारगर सामुहिक प्रयास करें।
सारथी ट्रस्ट के चेयरमैन सतपाल सिंह अहलावत ने कहा कि इस बात से बिल्कुल इंकार नहीं किया जा सकता कि संपूर्ण मानवता का अस्तित्व प्रकृति पर ही निर्भर है। इसलिए हमें समय रहते एक स्वस्थ एवं सुरक्षित पर्यावरण की कल्पना करनी चाहिए। प्रकृति को बचाने के लिए सिर्फ एक अकेला व्यक्ति काफी नहीं है, ऐसे में हम सबको मिलकर कुछ संकल्प लेने होंगे। जिनसे हम अपने पर्यावरण को फिर से हरा-भरा कर सके। हर किसी को साल में कम से कम एक या दो बार एक पौधे जरूर लगाने चाहिए और उनकी देखरेख भी करनी चाहिए।
साथ ही ये संकल्प लेना चाहिए कि वो नदी, तालाबों और कुओं को प्रदूषित नहीं करेंगे। इसके अलावा कूड़े-कचरे को कहीं भी फेंकने की जगह पर उसे कूड़ेदान में ही डालें, ताकि हम पर्यावरण की रक्षा कर पारिस्थितिक तंत्र को बहाल कर सके। इस अवसर पर सारथी ट्रस्ट के प्रयास से भक्त फूल सिंह कन्या महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की छात्राओं ने व सारथी ट्रस्ट के सदस्यों ने अपने घरों व आसपास में 137 पौधे विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में लगाये।
हिंदू कन्या महाविद्यालय सोनीपत की राष्ट्रीय सेवा योजना की छात्राओं ने ट्रस्ट द्वारा आयोजित चित्रकला व सलोगन प्रतियोगिता में भाग लिया व पर्यावरण बचाओ का संदेश चित्रकला व सलोगन के द्वारा दिया। कार्यक्रम में डा. मूर्ति मलिक, डा. नीता मित्तल, डा. माया चौधरी, सुभाष वशिष्ठ, डा. सुमन मंजरी, डा. ज्योति जुनेजा, कृष्ण वत्स, किरणबाला, नवीन गर्ग, अनिल जैन एडवोकेट, इंजीनियर विनोद जांगड़ा, डा. मीनू गबरानी, अजय गोयल, मोहन बंसल, गौरव गर्ग, डा. सुखदा नागपाल, कैप्टन संजय स्योराण, चिरंजी लाल का सराहनीय योगदान रहा।