रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा धान की फसल को वैकल्पिक फसलों जैसे कपास, मक्का, अरहर, मुंग, मोठ, उड़द, सोयाबीन, ग्वार, तिल, मुंगफली, फल व सब्जियां, खरीफ प्याज व खरीफ चारा द्वारा विविधिकरण करने के लिए मेरा पानी मेरी विरासत नामक एक योजना शुभांरभ किया हैं।
उपायुक्त पूनिया ने कहा कि किसान अपने पिछले साल बोये गए धान के क्षेत्र को उपर लिखित वैकल्पिक फसलों में बदल सकता है। फसल विविधिकरण करने वाले किसानों को 7000 रूपए प्रति एकड़ की दर से वित्तिय सहायता प्रदान की जाएगी। स्कीम के तहत किसान द्वारा पिछले साल बोई गई धान के खेत को खरीफ 2021 में खाली रखने पर भी वित्तिय सहायता प्रदान की जाएगी। खरीफ 2020 में मेरा पानी मेरी विरासत स्कीम के तहत धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलें बोने वाले किसान यदि इस साल भी धान के स्थान पर वैकल्पिक फसल लेता है तो किसान उक्त वित्तिय सहायता का हकदार होगा। उक्त योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को मेरा पानी मेरी विरासत पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाना अनिवार्य हैं।
उक्त योजना के तहत धान के स्थान पर वैकल्पिक फसलें बोने पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा होने पर किसानों के हिस्से की राशि का वहन भी सरकार द्वारा किया जाएगा। इसके अतिरिक्त यदि उपर लिखित वैकल्पिक फसलों का न्यनतम समर्थन मूल्य भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है तो उक्त फसलों की खरीद हरियाणा सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी। उपायुक्त ने किसान भाईयों से अपील करते हुए कहा कि भूमिगत जल के संरक्षण हेतू धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलें बोने के लिए मेरा पानी मेरी विरासत पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाएं व अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी कृषि कार्यालय से सम्पर्क करें।