कोरोना वायरस के चलते बेसहारा हुए बच्चों की जानकारी बाल कल्याण समिति को देना जरूरी

कोरोना वायरस के चलते बेसहारा हुए बच्चों की जानकारी बाल कल्याण समिति को देना जरूरी

बेसहारा हुए बच्चों को  सीधे तौर पर गोद लेना व देना अपराध, -महिला एवं बाल विकास विभाग ऐसे बच्चों की हर जरूरत को पूरा करेगा : चेयरपर्सन

रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। जिला बाल कल्याण समिति की चेयरपर्सन अनीता शर्मा ने आमजन मानस से अपील की कि वे कोरोना वायरस संक्रमण के चलते बेसहारा हुए बच्चों की जानकारी समिति एवं प्रशासन को अवश्य दें। ऐसे बच्चों का भविष्य अंधकार में जाने का खतरा पैदा हो गया है, जिसे रोकने के लिए एकजुट प्रयास जरूरी हैं।

चेयरपर्सन अनीता शर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते बहुत-से बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया है। कोविड-19 महामारी ने काफी नुकसान किया है। कई परिवार ऐसे भी हैं जहां मां-बाप या घर के सभी बड़ों का साया सिर से उठ गया है। ऐसे में बच्चों का पालनकर्ता कोई नहीं बचा। इन बच्चों का भविष्य अंधकारमय होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। इन हालातों में बच्चों का उचित पालन-पोषण करने की जिम्मेदारी महिला एवं बाल विकास विभाग ने ली है। आम जनमानस को चाहिए कि वे बेसहारा हुए ऐसे बच्चों की जानकारी जिला मुख्यालय स्थित बाल कल्याण समिति को दें। अनाथ हुए बच्चों को किसी भी व्यक्ति द्वारा सीधे तौर पर गोद लेना व देना दोनों ही अपराध की श्रेणी में आते हैं, जिसके लिए कानून में सजा का प्रावधान भी है।

समिति चेयरपर्सन ने कहा कि यदि किसी को अपने आसपास इस तरह का कोई बेसहारा बच्चा (जिसकी आयु 18 वर्ष से कम है) मिलता है तो उसकी जानकारी हैल्पलाईन नंबर-1098 पर अथवा बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण कार्यालय सोनीपत के दूरभाष नंबर 0130-2221509, 0130-2222736 पर दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि यदि बच्चे को आश्रय की जरूरत होगी तो किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत आश्रय दिलाया जाएगा, जिसमें बच्चे के रहने-खाने व पढऩे की सभी उचित व्यवस्था महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा की जाएगी। इस मौके पर समिति की सदस्य सुनीता, बबीता, रितु व पूनम ने भी लोगों का आह्वान किया कि वे बेसहारा हुए बच्चों के भविष्य को अंधकारमय होने से बचाने के लिए हर संभव सहयोग दें। ऐसे बच्चों की जानकारी अनिवार्य रूप से बाल कल्याण समिति को जरूर दें।

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