रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। राष्ट्रीय बहु विकलांगता जनशक्तिकरण संस्थान चेन्नई एवं रेनू विद्या मंदिर, के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय स्टेट लेवल सीआरई. कार्यक्रम को वर्चुअल मोड में संचालित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. रमेश कुमार पांडे, निदेशक, सीआरसी लखनऊ, उत्तर प्रदेश ने अपने संबोधन में कहा कि रेनू विद्या मंदिर का बेहतर प्रयास हैं –काउंसलिंग, एप्रोच, मॉडल पर वर्चुवल सीआरई कार्यक्रम इस कोविड- महामारी में एक सार्थक कदम की पहल की है। पोस्ट कोविड एवं कोविड के दरमयान सलाह सूचना एवं इसके मॉडल्स बहुत ही प्रभावी होंगे। हरियाणा राज्य और देश के विभिन्न व्यवसायिक विशेषज्ञों एवं दिव्यांगजनों के लिए यह एक सार्थक पहल है। स्वागत उद्बोधन करते हुए ध्वनि गुप्ता ने मुख्य अतिथि, प्रतिभागी गण का अभिनंदन करते हुए कहा कि सतत पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रम का यह आयोजन हरियाणा एवं समीपवर्ती राज्यों के लिए लाभकारी रहेगा। यह कार्यक्रम दिव्यांगजनों के लिए सलाहसूचन है एवं एप्रोच-मॉडल उनके परिवार जन के लिए लाभकारी साबित होगा।
इस कार्यक्रम के आर्गेनाइजेशन सचिव डॉ. देवानंद पांडे ने दो दिवसीय कार्यक्रम की रूपरेखा को बताते हुए कहा कि प्रथम तकनीकि सत्र में वरिष्ठ काउंसलिंग मनोवैज्ञानिक तानिया मोंगा – एक्सप्लोरिंग जेनेटिक काउंसलिंग पर अपने प्रस्तुतीकरण देकर प्रतिभागी की जिज्ञासा को फलीभूत किया। डॉक्टर डी ऐन. पांडे ने काउंसलिंग पर प्रस्तुति दी। रजनीश कुमार आर्य ने काउंसलिंग प्रोफैशन पर अपने व्याख्यान दिया। मिस नेहा ने मॉडल ऑफ काउंसलिंग एंड साइकोथेरिपी पर अपना व्याख्या दी। डॉक्टर दीपिका गुप्ता- सहायक आचार्य, एससीईआरटी. चंडीगढ़ ने दा रोल ऑफ टीचिंग एंड काउंसलिंग एप्रोच पर अपनी व्याख्यान दिया। सुनील कुमार ने जेनेटिक काउंसलिंग फॉर दा फ्यूचर पर व्याख्यान देते हुए कहा कि कॉमसोम एवं डाउन सिंड्रोम जैसी समस्याओं को जेनेटिक काउंसलिंग के द्वारा रोका जा सकता है। वैलिडेटरी जेसी गुप्ता ने कहा कि कोविड-19 के समय पर इस प्रकार का कार्यक्रम निश्चित रूप से समाज के लिए सहयोगी की भूमिका अदा करेगा। कार्यक्रम में डॉ इंदु राणा ने आए हुए मुख्य अतिथिगण, प्रतिभागीग को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में प्रवीण कुमार, तनुजा रावल, काजल अरोड़ा, ज्योति तुषीर, विजेंदर सिंह उपस्थित रहे ।