जीवन में कभी अहंकार नहीं करना चाहिए : भगत संजीव कुमार

जीवन में कभी अहंकार नहीं करना चाहिए : भगत संजीव कुमार

बोले, भगवान को स्वार्थ के लिए याद करने की बजाय उनसे प्रीत लगानी चाहिए, बोले, भगवान के दरवाजे हमेशा सभी के लिए खुले रहते हैं, -बाबा बालकनाथ मंदिर में नववर्ष पर सत्संग व भंडारे का आयोजन

Rajesh sulijaराजेश सलूजा, हिसार ।  तरसेम नगर स्थित बाबा बालक नाथ एवं दुर्गा माता मंदिर में रविावर देर रात नववर्ष के उपलक्ष्य में सत्संग का आयोजन किया गया है। मंदिर प्रबंधक रामचरण गुप्ता ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नववर्ष पर मंदिर प्रांगण में सत्संग का आयोजन किया। श्रद्धालुओं को प्रवचन देते हुए भगत संजीव कुमार ने कहा कि भगवान के दरवाजे हमारे लिए हमेशा खुले रहते हैं। हमें किसी के घर जाना पड़े तो पहले पूछना पड़ता है लेकिन भगवान का दरवाजा हमेशा सभी के लिए हर समय खुला रहता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन बड़ी मुश्किल से मिलता है, इसलिए इस जीवन का सदपुयोग करें।

उन्होंने कहा कि गुरु के बिना ज्ञान असंभव है, इसलिए हमें अपने जीवन में गुरू अवश्य धारण करना चाहिए और गुरुजनों का आदर करते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए। भगत संजीव कुमार ने कहा कि जिस घर में कोई सदस्य एक-दूसरे के सामने झुकने को तैयार नहीं रहते, वह घर कभी तरक्की नहीं कर सकता और उस घर में हमेशा क्लेश ही रहता है। उन्होंने कहा कि इसलिए हमें बड़ो का आदर करना चाहिए। फलों वाला पेड़ ही झुकता है, जिस पेड़ पर फल नहीं लगते वह हमेशा सीधा ही खड़ा रहता है। उन्होंने कहा कि जीवन में कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। अहंकार हमें गलत दिशा की ओर ले जाता है। भगत संजीव कुमार ने कहा कि जिस तरह हम हर रोज स्नान कर शरीर को साफ करते हैं उसी प्रकार हमें अपने मन को भी साफ करना होगा। भगवान को स्वार्थ के लिए याद करने की बजाय उनसे प्रीत लगानी चाहिए। भगवान को साफ मन वाला व्यक्ति ही अच्छा लगता है।

भगत संजीव कुमार ने श्रद्धालुओं का आह्वान किया कि हमें बच्चों में अच्छे संस्कार पैदा करने चाहिए। जब हम बच्चों में अच्छे संस्कार पैदा करेंगे तो उनके गलत रास्ते पर भटकने की संभावना काफी कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि हमें निस्वार्थ भाव से सत्संग के लिए भी कुछ समय अवश्य निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन में आलस्य को नजदीक न आने दें। आलस्य जीवन को बर्बाद कर देता है। उन्होंने कहा कि जीवन में मेहनत करते हुए सही मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति जीवन में कभी असफल नहीं होता।  सत्संग में भगत संजीव कुमार लुधियाना वाले ने श्रद्धालुओं को प्रवचन देते हुए भजनों के माध्यम से बाबा बालकनाथ जी की महिमा का गुणगान किया। उन्होंने बाबा बालकनाथ जी द्वारा छोटी से आयु में तपस्या करने, माता रतनो को 12 वर्ष की लस्सी-रोटी वापस देने के बारे में श्रद्धालुओं को विस्तार से बताया। सत्संग में हरियाणा, पंजाब व हिमाचल प्रदेश से श्रद्धालुओं ने भाग लिया। सत्संग के बाद श्रद्धालुओं ने लंगर ग्रहण किया।

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