डीसीआरयूएसटी मुरथल में बनेगा शहीद स्मारक : कुलपति अनायत
>कारगिल में शहीद होने वाले 90 प्रतिशत की आयु थी 30 वर्ष से कम : कर्नल शर्मा
रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत< । दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल में कारगिल में शहीद होने वाले सैनिकों की याद में शहीद स्मारक बनाया जाएगा। प्रतिवर्ष कारगिल विजय दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय सर्वश्रेष्ठ एनसीसी के दो कैडेट को सम्मानित करेगा, जिसमें एक लड़का व लड़की शामिल होगी। यह कहना है डीसीआरयूएसटी,मुरथल के कुलपति प्रो. राजेंद्र कुमार अनायत का। कुलपति प्रो.अनायत विश्वविद्यालय में एनसीसी विंग द्वारा आयोजित कारगिल विजय दिवस के अवसर पर संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व कारगिल में शहीद हुए सैनिकों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया। उन्होंने कहा कारगिल के दौरान शहीद हुए सैनिकों को नमन करते हुए कहा कि हमारे वास्तविक हीरो देश की सीमा रक्षा करने वाले सैनिक हैं, जिनके कारण आज हम सुरक्षित हैं। कुलपति प्रो.अनायत ने कहा कि सोनीपत जिले के 6 सैनिकों ने कारगिल के दौरान अपनी जान की बाजी लगाकर, पाकिस्तानियों को खदेड़ने का काम किया था। उनमें से दो सैनिक के बच्चे अब भी देश की सेना में शामिल होकर देश की सुरक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेना में शामिल होकर देश की सुरक्षा करने का दायित्व मिलना गर्व की बात है। कर्नल राजबीर शर्मा ने कहा कि कारगिल में शहीद होने वाले 90 प्रतिशत सैनिकों व अधिकारियों की आयु 30 वर्ष से कम थी। उन्होंने कहा कि एक दिन सबको मौत तो आनी ही है, लेकिन देश पर प्राण न्यौछावर करने का अवसर सभी को नहीं मिलता। देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वालों को कई पीढियां गौरव के साथ याद करती हैं। कर्नल शर्मा ने कहा कि प्रदेश का सेना में सदैव अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि रोहतक के कलानौर के रहने वाले जिम्मेदार अब्दुल हफीज की पत्नी को आजादी से पूर्व तत्कालीन गर्वनर जरनल लार्ड बावेल ने विक्टोरिया क्रास प्रदान किया था। उस समय शहीद हुए हफीज की पत्नी ने विक्टोरिया क्रास प्राप्त करते हुए बावेल को कहा था कि एक दिन अब्दुल को तो मरना ही था, लेकिन इतनी हसीन मौत कहा से मिलती। कर्नल शर्मा ने कहा कि हमें शहीद परिवारों की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बढचढ कर मद्द करनी चाहिए। अगर कोई सैनिक कार्य से आपके कार्यालय आए तो उसका काम नियमानुसार जल्दी करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह भी एक प्रकार से राष्ट्र सेवा है। कार्यक्रम के अंत में कुलपति प्रो.अनायत ने कर्नल राजबीर शर्मा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो.रेखा ने सभी का धन्यवाद किया। इस अवसर पर रजिस्ट्रार प्रो.अनिल खुराना, परीक्षा नियंत्रक प्रो.एम.एस.धनखड़, प्रो.अशोक शर्मा, प्रो. परविंद्र सिंह, प्रो. सुखदीप सिंह, एनसीसी अधिकारी डा. प्रदीप सिंह, डा. दिनेश सिंह, डा. गीता सिंह, डा.पूनम श्योराण, डिप्टी रजिस्ट्रार जोगिंद्र दहिया, कार्यकारी अभियंता बलबीर सिंह श्योकंद, असिस्टेंट रजिस्ट्रार आनन्द राणा, ;ओमप्रकाश डागर, धर्मेद्र कपूर, एएलओ विनीत तुषीर, अधीक्षक ईश्वर व राजकुमार शर्मा, दिलबाग डागर , मोहित, सोनु सैनी, अनिल शर्मा व विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।