घग्गर नदी में बढ़ा जलस्तर , तटबंध के गावों में लगाया ठिकरी पहरा
राजेंद्र कुमार, सिरसा। हरियाणा में सिरसा के साथ से बह रही घग्गर नदी में बीते चौबीस घंटों से निरंतर जलस्तर बढ़ता चला जा रहा है। सिरसा के ओटू हैड पर आज सांय 23500 क्यूसिक पानी आकां गया है जो कल के मुकाबले 5175 क्यूसिक ज्यादा है। हालांकि ओटू हैड की क्षमता 46 हजार क्यूसिक पानी की है मगर जल प्रवाह के साथ बह कर आ रही कैली पानी के आगे प्रवाहित होने में दिक्कत खड़ी कर रही है,प्रशासनिक स्तर पर इसे हटाने के दिन-रात प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं हालातों के दृष्टिगत सिरसा के जिलाधीश अशोक कुमार गर्ग ने दि पंजाब विलेज एंड स्माल टाऊन पैट्रोल एक्ट, 1918 के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए आज घग्गर नदी के तटबंध के साथ लगते गांवों में ठीकरी पहरा लगाने के आदेश दिये हैं। दो दिन के अंतराल के बाद आज हिमाचल व अम्बाला क्षैत्र में फिर हुई हल्की बारिश व छाए बादलों के बाद घग्गर नदी में जलप्रवाह की ओर संभावनाएं बढ़ गई है। पंजाब सीमा के गांव झंडाखुर्द से हरियाणा में प्रवेश कर रही घग्गर नदी के तटबंध पर बसे रंगा, पनिहारी, मुसाहिबवाला, फरवाई, बुर्ज कर्मगढ़, नेजाडेला, बुढ़ाभाणा, किराड़कोट मल्लेवाला गावों के किसान व अन्य ग्रामीण बढ़ते जलस्तर से चिंतित हैं। किसान खेतों में जाने की बजाय तटबंध की पहरेदारी कर रहे हैं। सिंचाई विभाग के अधिकारी, कर्मचारी व किसान तटबंधों पर मिट्टी डालकर मजबूती करने के अलावा जल बहाव में आ रही कैली को निकालने के लिए युद्ध स्तर पर लगे हुए हैं। हरियाणा से राजस्थान को निकलने वाली घग्गर नदी के राजस्थान की इंदिरा कैनाल के तले साईफन के काफी नीचा होने के कारण जल प्रवाह कम हो रहा है,जिससे ओटू हैड पर सैंकड़ों में बनी झील में निरंतर पानी बढ़ रहा है। विभाग मशीनों के जरिये यहां से कैली निकाल रहा है। पानी के बहाव के साथ आ रहे जहरीले सांप व अन्य जानवरों से किसान डर-डर के कैली निकालने का काम कर रहे हैं। बुढ़ाभाणा, फरवाई, कर्मगढ़ के सुनील, जगदीश, संदीप, भरत राम, पंच रामचंद, कृ ष्ण कु मार, रमेश कु मार, बलवीर सिंह, दलीप कुमार आदि किसानों ने बताया कि नदी में बढ़ रहे पानी से फसलों के साथ-साथ उनके गांव डूबने का भय उन्हें सता रहा है। उन्होंने इस संदर्भ में जिला उपायुक्त के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर तगड़े बंदोबस्त करने की मांग की है। नदी में जलस्तर बढऩे से कई जगह पुलों को भी छुने को हो गया है। विभाग के अधिशाषी अभियंता इंजिनियर एन.के भोला ने बताया कि सिरसा क्षैत्र में हालांकि पानी निरंतर बढ़ रहा है। पानी को राजस्थान क्षैत्र में निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। गावों के साथ नदी के तटबंधों को ग्राम पंचायतों व किसानों की मदद से जिला प्रशासन मजबूत करने में लगा हुआ है। तटबंधों पर रात्री के समय रोशनी की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि अगर अगले एक-दो रोज में पंजाब व हिमाचल क्षैत्र में बारिश नहीं हुई तो पानी ओटू हैड से राजस्थान की ओर प्रवाहित कर दिया जाएगा जिससे तटबंधों के टूटने का डर खत्म हो जाएगा। उधर,सिरसा के जिलाधीश अशोक गर्ग ने दि पंजाब विलेज एंड स्माल टाऊन पैट्रोल एक्ट, 1918 की धारा 3(1) के अंतर्गत प्रदत्त: शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला के सभी सरपंचों को निर्देश दिये है कि वे अपने-अपने गांवों में 5 स्वस्थ नौजवानों की ड्यूटियां लगाए। ये नौजवान घग्घर नदी में बढ रहे जलस्तर व बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए रात्रि के समय ठीकरी पहरा देंगे। इस कार्य को क रवाने की जिम्मेवारी संबंधित तहसीलदार, थानाध्यक्ष तथा खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी / ग्राम पंचायत की होगी। गर्ग ने बताया कि इन आदेशों की उल्लंघना करने वाले व्यक्ति के विरुद्घ दि पंजाब विलेज एंड स्माल टाऊन पैट्रोल एक्ट, 1918 की धारा 3(1) के अंतर्गत तथा सरपंच के खिलाफ हरियाणा पंचायती राज एक्ट 19(4) में दी गई कर्तव्य पालना में बरती गई कोताही के तहत दोषी समझकर कार्यवाही की जायेगी।
कहां कितना जलस्तर
गुहला चीका—–9240 क्यूसिक< खनौरी हैड------10500 क्यूसिक चांदपुर--------12500 क्यूसिक ओट हैड------त23500 क्यूसिक राजस्थान साईफन--8900 क्यूसिक