राष्ट्रीय लोक अदालत में किया गया 59 केसों का निपटारा
>नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत कराई 13 लाख 48 हजार 380 रुपये की रिकवरी, एडिशनल सिविल जज (सीनियर डिविजन) विशाल ने 4 आपराधिक मामले भी निपटाये<
अमन अटकान, सोनीपत। हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण के निर्देशानुसार शनिवार को उपमंडल विधिक सेवाएं प्राधिकरण के तत्वावधान में न्यायिक परिसर गन्नौर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। एडिशनल सिविल जज (सीनियर डिविजन) एवं उपमंडल विधिक सेवाएं प्राधिकरण के चेयरमैन विशाल ने राष्ट्रीय लोक अदालत में 59 केसों का निपटारा किया। राष्ट्रीय लोक अदालत में एडिशनल सिविल जज (सीनियर डिविजन) एवं उपमंडल विधिक सेवाएं प्राधिकरण के चेयरमैन विशाल ने बड़े स्तर पर विभिन्न प्रकार के मामलों का निपटान करने में सफलता हासिल की। उन्होंने विशेष रूप से 4 आपराधिक मामलों का भी निपटारा किया। इसके अलावा उन्होंने 37 दीवानी मुकद्दमों के साथ 6 चैक बाउंस के मामले, 4 केस आबकारी अधिनियम के तहत तथा 4 डीवी एक्ट और 4 दीवानी मुकद्दमा ईजाराये निपटाये। प्राधिकरण के चेयरमैन विशाल ने इस दौरान नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के अंतर्गत 13 लाख 48 हजार 380 रुपये की राशि की रिकवरी भी कराई। साथ ही उन्होंने आपराधिक मामलों में 400 रुपये का जुर्माना भी किया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के मामले अदालतों में चल रहे हैं वे अपने मामलों के शीघ्र आपसी सहमति से समाधान पाने के लिए लोक अदालत का सहारा ले सकते हैं। एडिशनल सिविल जज (सीनियर डिविजन) एवं उपमंडल विधिक सेवाएं प्राधिकरण के चेयरमैन विशाल ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों की सहमति से ही निर्णय लिया जाता है। इससे दोनों पक्षों की संतुष्टि रहती है। साथ ही मामले का निपटारा भी जल्द होता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन नियमित रूप से किया जाता है। राष्ट्रीय लोक अदालत में जिस मामले का फैसला दिया जाता है उसके विरूद्ध फिर कहीं अपील नहीं की जाती।