प्राचीन पवित्र सरस्वती नदी के तट पर सींचेवाला प्रोजेक्ट से करें सिंचाई : मेहरा
संयुक्त सचिव सागर मेहरा ने गांव नरकतारी में कुरुक्षेत्र के पहले सींचेवाला प्रोजेक्ट का किया अवलोकन, गांव के व्यर्थ पानी का प्रोजेक्ट के माध्यम से किया जा रहा है सिंचाई के लिए उपयोग, जल शक्ति अभियान के तहत बचाया जाएगा बेश कीमती जल को<
कुरुक्षेत्र। >कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव सागर मेहरा ने कहा कि पवित्र सरस्वती नदी के तट पर जहां वेदों और संस्कृति का जन्म हुआ, आज उसी सरस्वती नदी के तट से जल शक्ति अभियान के तहत बेश कीमती को पानी को बचाने का काम किया जाएगा। इस नदी के तट पर स्थित थानेसर के आस-पास में 11गांवों में गांव के व्यर्थ पानी को सींचेवाला प्रोजेक्ट से साफ करके सिंचाई के लिए सदुपयोग किया जाए। संयुक्त सचिव सागर मेहरा शनिवार को जल शक्ति अभियान के तहत गांव नरकतारी में पंचायती राज विभाग द्वारा कुरुक्षेत्र के पहले सींचेवाला थ्री वेल प्रोजेक्ट का अवलोकन करने के उपरांत अधिकारियों से बातचीत कर रहे थे। इससे पहले सयुंक्त सचिव सागर मेहरा, उपायुक्त डा. एसएस फुलिया, अतिरिक्त उपायुक्त पार्थ गुप्ता सहित केन्द्र मंत्रालय से आए अधिकारियों ने पंचायती राज विभाग की तरफ से गांव नरकतारी में पंजाब के गांव संत सींचेवाला की तर्ज पर बनाएं गए सींचेवाला थ्री वेल प्रोजेक्ट का बारिकी से अवलोकन किया और अधिकारियों से इस प्रोजेक्ट के बारे में फीडबैक् रिपोर्ट हासिल की है। उपायुक्त डा. एसएस फुलिया ने पंचायती राज के एसडीओ योगेश और सरपंच सतबीर की रिपोर्ट के आधार पर सींचेवाला थ्री वेल प्रोजेक्ट के बारे में फीडबैक लेते हुए बताया कि पंचायती राज विभाग ने गांव के व्यर्थ पानी का सिंचाई के लिए प्रयोग करने के उद्देश्य से पंजाब के गांव संत सींचेवाला की तर्ज पर थ्री वेल सिंचाई प्रणाली को अपनाया है। इस प्रोजेक्ट पर 7 लाख 50 हजार रुपए की राशि खर्च की और 3 कुएं बनाएं गए। गांव के गन्दे और व्यर्थ पानी को पहले कुएं तक लाने के लिए बडा नाला बनाया गया, इस पहले कुए से पानी छनकर दूसरें कुए तक पहुंचाया गया और फिर तीसरे कुए से पानी को सिंचाई के लिए तैयार किया गया और इस पानी से 2 हैक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई की जा रही है और प्रशासन का लक्ष्य है कि सरस्वती नदी के किनारें स्थित 11 गांवों को इस तरह की प्रोजेक्ट को स्थापित किए जाए ताकि व्यर्थ पानी का सिंचाई के लिए उपयोग करके बेश कीमती पानी को बचाया जा सके। संयुक्त सचिव सागर मेहरा ने इस प्रोजेक्ट की प्रशंसा करते हुए कहा कि सिंतबर माह तक सरस्वती नदी के तट पर 3 गांवों में इस प्रोजेक्ट को जरूर पूरा किया जाए और इसके बाद सभी गांवों में इस तरह के प्रोजेक्ट स्थापित करके गन्दे पानी को विशेष विधि से साफ करके कृषि के लिए प्रयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार का भी यही लक्ष्य है कि इस प्रकार के प्रोजेक्ट का निर्माण करके अधिक से अधिक पानी को बचाया जा सके। इस क्षेत्र में पानी को ना बचाने से भू जल स्तर जून 2018 की रिपोर्ट के अनुसार 39.46 मीटर नीचे चला गया है और प्रतिवर्ष करीब 2 मीटर भूजल स्तर नीचे गिरता जा रहा है। इसलिए इस गंभीर विषय पर चिंतन और मंथन करने की जरूरत है।