डेरा प्रमुख की पैरोल का ग्रामीणों ने जताया विरोध
राजेंद्र कुमार, सिरसा। साध्वी यौन शोषण एवं पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या कांड के अरोप में जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहिम सिंह द्वारा दायर की गई पैरोल की अपील के विरोध में ग्रामीण भी उतर आए हैं। इससे पहले भी स्वराज इंडिया व स्वर्गीय पत्रकार रामचंद्र छत्रपति का परिवार इसका विरोध दर्ज करवा चुके हैं। आज सिरसा जिले के बाजेकां,सिंकदरपुर,दड़बी,जमाल,झोरडऩाली,खैरेकां व चामल सहित दर्जनभर गावों के लोग उपायुक्त से मिले और डेरा प्रमुख की पैरोल पर अपना एतराज दर्ज करवाया। उपायुक्त को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहिम सिंह को वर्ष 2017 में साध्वी यौन शौषण मामले में हुई सजा के दौरान सिरसा में भड़की हिंसा में उनके गावों में अंशाति का माहौल बन गया था जिससे ग्रामीणों के दैनिक जीवन पर विपरित असर पड़ा। ग्रामीणों के खेती सहित अन्य कार्य प्रभावित हुए अगर अब डेरा प्रमुख को पैरोल मिलती है तो उनका अमन पंसद क्षैत्र एक बार फिर आग में झोंका जा सकता है। ग्रामीण रणजीत जमाल,रूपकुमार नंबरदार दड़बी,रणजीत भांभू एडवोकेट,सुभाष चंद्र पंच खैरेकां,डा.भजन लाल बाजेकां,बख्शीश कुताबढ़ ने बताया कि डेरा प्रमुख के जेल जाने के बाद अब तक डेरा में हुए आयोजनों से पता चलता है कि डेरा प्रमुख को हुई कैद से डेरा अनुयायियों में उबाल है,अगर डेरा प्रमुख अब पैरोल पर बाहर आते हैं तो सिरसा व आसपास के गांवों का अमन चैन खराब हो सकता है। हालातों को मद्देनजर रखते हुए डेरा प्रमुख को पैरोल न दी जाए। जब इस संदर्भ में उपायुक्त अशोक गर्ग से पूछा गया तो बताया कि उन्हें डेरा प्रमुख की पैरोल को लेकर ग्रामीणों का शिष्टमंडल मिला है जिसने पैरोल पर एतराज दर्ज करवाया है। उन्होंने बताया कि डेरा प्रमुख की पैरोल को लेकर रोहतक प्रशासन द्वारा मांगी गई रिर्पोट अभी तैयार नहीं हो पाई है,सभी पहलुओं पर बारिकी से विचार चल रहा है। रिर्पोट सम्पूर्ण होने पर पेश कर दी जाएगी। बता दें कि अब से पहले डेरा प्रमुख के पास भूमि के मालिकाना हक को लेकर कई तर्क वितर्क के चलते पैरोल में कई पेच फंसे हुए हैं।